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सावधानी बरतकर कम किया जा सकता है प्रीमियम, जानें कैसे

Gulabi
29 Jan 2021 8:43 AM GMT
सावधानी बरतकर कम किया जा सकता है प्रीमियम, जानें कैसे
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आजकल लगभग सभी के पास लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी होती है लेकिन कभी न कभी ऐसा वक्‍त आता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आजकल लगभग सभी के पास लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी (Life Insurance Policy) होती है लेकिन कभी न कभी ऐसा वक्‍त आता है, जब उसका प्रीमियम (Premium) चुकाना भारी पड़ता है. खासकरके कोविड-19 महामारी के कारण कई लोगों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा है. आज जानते हैं कि किन बातों का ध्‍यान रखकर लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम कम किया जा सकता है, ताकि बाद में परेशानी न हो.


- सबसे अहम बात, कोशिश करें कि कम उम्र में ही जीवन बीमा खरीद लें. लाइफ इंश्‍योरेंस खरीदने के लिए सबसे अच्‍छा समय 28 से 30 साल की उम्र का माना जाता है. चूंकि इस उम्र में बीमारी आदि का खतरा कम होता है, तो कंपनियां कम प्रीमियम लेती हैं लेकिन उम्र बढ़ने पर प्रीमियम बढ़ जाता है और जेब पर अनावश्‍यक बोझ पड़ता है.

- हमेशा बुद्धिमानी से और विशेषज्ञ की सलाह लेकर पॉलिसी का चुनाव करें. लाइफ इंश्‍योरेंस का टर्म सही हो, यानि कि ना तो बहुत कम हो और ना बहुत ज्‍यादा. यदि कम हुआ तो आपकी फायनेंशियल जिम्‍मेदारियों के पूरा होने से पहले ही पॉलिसी खत्‍म हो जाएगी. वहीं टर्म के ज्‍यादा लंबे होने पर प्रीमियम का बोझ बढ़ेगा.

- टर्म प्‍लान (Term Plan) लेना हमेशा ही अच्‍छा फैसला साबित होता है. एक तो इसके जरिए आप कम प्रीमियम में बड़ा कवरेज पा सकते हैं और अपने परिवार को जरूरी सुरक्षा भी दे सकते हैं. हालांकि, टर्म प्लान लेते वक्‍त भी सावधानी बरतें. टर्म प्लान में गंभीर बीमारी के इलाज और दूसरे राइडर को शामिल कर सकते हैं, लिहाजा जरूरत पड़ने पर इसका फायदा लें. विशेषज्ञों के अनुसार, 35 साल के व्यक्ति को अपनी सालाना आय का 10 से 15 गुना का कवर लेना चाहिए. हालांकि, टर्म इंश्योरेंस के मैच्योर होने पर कोई पैसा नहीं मिलता है, यदि पैसा वापस चाहिए है तो ऐसे टर्म प्‍लान काफी महंगे होते हैं.


- पॉलिसी लेने से पहले कई तरह की पॉलिसी के बीच तुलना करें. उनका प्रीमियम, क्लेम सेटलमेंट रेश्यो, कुल कवर राशि और मिलने वाली सुविधाओं के बीच तुलना करें. इस काम में मदद के लिए विशेषज्ञ से सलाह लें या ऑनलाइन विभिन्‍न वेबसाइट की मदद से यह काम करें.

- कभी बेवजह राइडर (Rider) न खरीदें. भले ही कंपनियों आपको सस्‍ते राइडर देकर लुभाएं लेकिन जरूरत के मुताबिक ही इन्‍हें खरीदें. वरना ये राइडर आपके प्रीमियम का बोझ बढ़ाएंगे. राइडर से मतलब पॉलिसी के साथ अन्‍य सुविधाएं लेने से हैं. इसमें क्रिटिकल इलनेस, प्रीमियम से छूट, एक्सीडेंटल डेथ, पर्मानेंट या पार्शियल डिसेबिलिटी और इनकम बेनिफिट राइडर आदि शामिल हैं.


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