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पोस्ट डिपार्टमेंट ने डाक घर बचत खाता में न्यूनतम अधिशेष सीमा को 50 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का निर्णय लिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेसक| पोस्ट डिपार्टमेंट ने डाक घर बचत खाता (Post office savings account) में न्यूनतम अधिशेष सीमा को 50 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का निर्णय लिया है। डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट ने इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी कर कहा है कि डाक घर बचत खाता में न्यूनतम अधिशेष राशि अब 500 रुपये रखना अनिवार्य होगा। ये नया नियम 11 दिसंबर, 2020 से लागू होगा।
नए नियम के मुताबिक यदि डाक घर बचत खाता धारक अपने खाते में 500 रुपये न्यूनतम अधिशेष रखने में विफल रहता है तो वित्त वर्ष के आखिरी कार्यदिवस पर डाक घर बचत खाते में से जुर्माने के तौर पर 100 रुपए काट लिए जाएंगे।
पोस्ट ऑफिस महानिदेशालय ने सभी पोस्ट ऑफिस को निर्देश दिया है कि वह सभी डाक घर बचत खाता धारकों से संपर्क करें और उन्हें बताएं कि अबसे डाक घर बचत खाता में 500 रुपये न्यूनतम अधिशेष बनाए रखना अनिवार्य होगा। पोस्ट ऑफिस महानिदेशालय के मुताबिक डाक घर बचत खाता में 50 रुपये न्यूनतम अधिशेष सीमा से भारतीय पोस्ट विभाग को हर साल लगभग 2800 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
यदि एक डाक घर बचत खाता में वित्त वर्ष के आखिरी कार्य दिवस पर अधिशेष शून्य होता है तब डाक घर बचत खाता स्वत: बंद हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि अब अगर कोई डाक घर बचत खाता खोलना चाहता है तो उसे उस खाते में न्यूनतम 500 रुपये अधिशेष के रूप में हमेशा जमा रखने होंगे।
डाक घर बचत खाता सिंगल, ज्वॉइंट या अव्यस्क बच्चे के नाम पर खोला जा सकता है। डाक घर बचत खाता खुलने के बाद खाताधारक को एक चेक बुक और एटीएम कार्ड दिया जाता है। खाताधारक अपने डाक घर बचत खाता के लिए एक नॉमिनी को भी नामित कर सकता है।
डाक घर बचत खाता को परिचालन में बनाए रखने के लिए तीन वित्त वर्ष में कम से कम एक वित्त वर्ष में खाताधारक को वित्तीय लेनदेन (जमा या निकासी) करना अनिवार्य है। डाक घर बचत खाता में जमा राशि पर एक वित्त वर्ष के दौरान 10,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री होता है।
पोस्ट ऑफिस पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), टैक्स सेविंग डिपॉजिट स्कीम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम आदि सबसे लोकप्रिय लघु बचत योजनाओं में शामिल हैं। पोस्ट ऑफिस की ये बचत योजनाएं ईईई श्रेणी में आती हैं, जिसका मतलब है कि निवेशकों को निवेश, ब्याज आय और परिपक्वता लाभ तीनों पर आयकर से छूट मिलती है।
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