पश्चिम बंगाल

पोंजी घोटाला मामला: ED-CBI के अधिकारियों के खिलाफ पेश हुआ विशेषाधिकार प्रस्ताव

Gulabi
17 Nov 2021 11:17 AM GMT
पोंजी घोटाला मामला: ED-CBI के अधिकारियों के खिलाफ पेश हुआ विशेषाधिकार प्रस्ताव
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पोंजी घोटाला मामला
पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) में इस बार पोंजी घोटालों की जांच कर रहे सीबीआई (CBI) और ईडी (ED) अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (Privilege Motion) लाया गया. विधानसभा के उप मुख्य सचेतक तापस रॉय ने ईडी-सीबीआई के खिलाफ विधानसभा में विधायकों के अधिकारों के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई है. पोंजी घोटाले के मामले में स्पीकर बिमान बनर्जी ने सीबीआई और ईडी के दो अधिकारियों सत्येंद्र सिंह और रथिन विश्वास को तलब किया था, लेकिन बार-बार वे बार-बार हाजिर होने से बचते रहे थे.
सत्तारूढ़ दल के उप मुख्य सचेतक तापस रॉय ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष की गरिमा को धूमिल किया जा रहा है. इसलिए उन्होंने डीएसपी सीबीआई सत्येंद्र सिंह और सहायक निदेशक रथिन विश्वास पर विधानसभा के सदस्यों के अधिकार का उल्लंघन का आरोप लगाया है. मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष जांच अधिकारियों के साथ चल रहे तनाव की विस्तृत जानकारी दी थी. उन्होंने ईडी और सीबीआई द्वारा विधानसभा की गरिमा को धूमिल करने की बात कही थी. उसके 24 घंटे के भीतर देखा गया कि इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया गया, जो विधानसभा के इतिहास में अभूतपूर्व है.
विधानसभा में पहली बार किसी अधिकारी के खिलाफ लाया गया प्रस्ताव
पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह देश की विधायिका के इतिहास में अभूतपूर्व है. विधानसभा के मुताबिक, बार-बार सम्मन के बावजूद दोनों अधिकारी कई बहाने से पेश होने से बचते रहे हैं. बता दें कि अध्यक्ष की जानकारी के बिना दिवंगत सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हाकिम और मदन मित्रा के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की गई थी. विधानसभा को चार्जशीट को संबंधित लोगों तक पहुंचाने का काम सौंपा गया था. विशेषाधिकार समिति अगले सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. विशेषाधिकार समिति प्रथागत प्रक्रिया की जांच शुरू करेगी.
पोंजी स्कैम में मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ पेश की गई थी चार्जशीट
दरअसल, निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले उनसे अनुमति नहीं लेने के मुद्दे पर विधानसभा स्पीकर ने ईडी-सीबीआई अधिकारियों को तलब किया था, लेकिन ईडी के अधिकारी विधानसभा नहीं पहुंचे थे और पत्र सौंपकर चले गए थे. हालांकि बाद में हाई कोर्ट के निर्देश के बाद वे विधानसभा में आकर स्पीकर से मुलाकात की थी. बता दें कि हाल ही में सीबीआई ने आई-कोर पोंजी घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल के मंत्री मानस रंजन से करीब दो घंटे तक पूछताछ की थी. सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा के तीन सदस्यीय दल ने जल संसाधन मंत्री से उनके दफ्तर में पूछताछ की थी. तृणमूल कांग्रेस के साबंग से विधायक को कथित तौर पर आई-कोर के सार्वजनिक कार्यक्रमों में देखा गया था. यह कंपनी अब बंद हो चुकी है और कंपनी पर लोगों को निवेश के बदले अच्छी खासी रकम देने का वादा करके उन्हें ठगने का आरोप है.
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