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पुलिस ने नोटबंदी के दौरान दर्ज कराई थी FIR, अब ED ने की ये कार्रवाई
jantaserishta.com
18 Feb 2022 10:50 AM GMT
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बैंक खातों में अवैध रूप से 44.80 करोड़ रुपये की भारी रकम जमा की गई थी.
पटना: काले धन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक एक व्यापारी की संपत्ति कुर्क की है. भारत सरकार द्वारा की गई नोटबंदी की घोषणा से पहले और बाद में बैंक खातों में बड़ी मात्रा में नकद जमा करने वालों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की है. इसके तहत बिहार के व्यवसायी और उनकी पत्नी की 8 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली गई है.
बिहार में बैंक ऑफ इंडिया की गया शाखा के बैंक खातों में थर्ड पार्टी खातों का इस्तेमाल करके भारी नकदी जमा करने की खबर थी. मनी लॉन्ड्रिंग की जांच इसी मामले से जुड़ी थी. ये कुर्क की गई संपत्ति, गया स्थित फर्म सर्वोदय ट्रेडर्स के मालिक धीरज जैन, उनकी पत्नी रिंकी जैन और अन्य फर्मों के नाम पर हैं.
ईडी का यह मामला उस एफआईआर पर आधारित है, जो बिहार पुलिस ने नोटबंदी के दौरान दर्ज कराई थी. जांच के दौरान, कथित रूप से पाया गया कि गया के व्यवसायी मोतीलाल ने बैंक ऑफ इंडिया के बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर, शिकायतकर्ता शशि कुमार, राजेश कुमार और उनकी फर्म और रिश्तेदारों के नाम पर बैंक खातों का दुरुपयोग किया था.
ईडी ने अपने बयान में कहा कि इन बैंक खातों में अवैध रूप से 44.80 करोड़ रुपये की भारी रकम जमा की गई थी. इस रकम को खाताधारकों की जानकारी और सहमति के बिना अलग-अलग लोगों, फर्मों और संस्थाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था. जुलाई 2016 से दिसंबर, 2016 के बीच की मोतीलाल ने जाली दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप पैसा ट्रांसफर किया था. मोतीलाल ने यह काम व्यापारी धीरज जैन, पवन कुमार जैन और दिल्ली के एक दलाल बिमल जैन के निर्देश पर पर किया.
8 नवंबर 2016 को, भारत सरकार ने काले धन को खत्म करने के लिए, 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों की मौजूदा श्रृंखला के विमुद्रीकरण की घोषणा की थी. असके बाद, सरकार ने पुराने नोटों के बदले 500 और 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए. हालांकि, काले धन वाले कई लोगों ने अपने पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने के लिए अवैध चैनलों का इस्तेमाल किया.
बैंक खातों में जमा होने के बाद, दिल्ली में फर्जी और गैर-मौजूद फर्मों के बैंक खातों में 34.75 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. हालिया कुर्की में 7.48 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और 57.14 लाख रुपये की चल संपत्ति शामिल है. ईडी इस मामले में अब तक, 22 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुका है.
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