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PM Kisan: सरकार ने अयोग्य किसानों को दिए 3000 करोड़ रुपए, अब केंद्र करेगी वसूली
Deepa Sahu
22 July 2021 10:08 AM GMT
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) योजना में 42 लाख से अधिक अयोग्य किसानों को करीब 3000 करोड़ रुपए मिले हैं. अब केंद्र सरकार अयोग्य किसानों से वसूली करने जा रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में इस बात की जानकारी दी है.
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, 42.16 लाख अयोग्य किसानों से कुल 2992.75 करोड़ रुपए की रिकवरी करनी है. सबसे अधिक रक असम के किसानों से वसूल की जाएगी. आंकड़ों के मुताबिक, असम के कुल 8.35 लाख अयोग्य किसानों से 554.01 करोड़ रुपए की रिकवरी होगी. इसके अलावा पंजाब से 437.9 करोड़, महाराष्ट्र से 357.9 करोड़, तमिलनाडु से 340.56 करोड़ और उत्तर प्रदेश से 258.64 करोड़ रुपए की वसूली की जानी है.
तीन किस्त में प्रत्येक वर्ष दिए जाते हैं 6000 रुपए
सदन में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, गुजरात के किसानों से 220.7 करोड़, मध्य प्रदेश के किसानों से 195.9 करोड़, राजस्थान के किसानों से 144.1 करोड़ और कर्नाटक के किसानों से 129.32 करोड़ रुपए केंद्र सरकार रिकवर करेगी. पश्चिम बंगाल के किसानों को इसी साल मई में पीएम किसान स्कीम के तहत पहली किस्त मिली है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 19 अयोग्य किसान इस योजना का लाभ ले रहे हैं. इन किसानों से सरकार 76,000 रुपए वसूल करने वाली है.
2019 में शुरू हुई और 2018 दिसंबर से लागू इस योजना में प्रत्येक वर्ष 2-2 हजार रुपए की तीन किस्त के जरिए 6000 रुपए किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे भेजे जाते हैं. यह पूर्णत: केंद्र सरकार की योजना है और सारा खर्च केंद्र वहन करता है. हर चार महीने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में किसानों को किस्त जारी की जाती है.
एक लिखित उत्तर में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन को बताया कि पीएम किसान योजना में लगातार सत्यापन का काम चलता रहता है और गलतियों को सुधारा जाता है. असली किसानों को ही योजना का लाभ मिले, इसके लिए आधार, इनकम टैक्स डेटाबेस और पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएमएफएस) के जरिए सत्यापन का काम किया जाता है. मंत्री ने कहा कि सत्यापन के दौरान पता चला कि कुछ अयोग्य किसानों को भी योजना का लाभ मिल रहा है और इसमें आयकर दाता किसान भी शामिल हैं.
वसूली के लिए बनाई गई है गाइडलाइंस
तोमर ने कहा कि जब राज्य सरकारों से पंजीकृत किसानों के सत्यापित डेटा पीएम किसान पोर्टल पर प्राप्त होते हैं, तब उनका आधार और पीएमएफएस के जरिए सत्यापन किया जाता है. इसके बाद डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम के जरिए पीएम किसान निधि की किस्त सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वास्तविक किसानों को योजना का लाभ मिले और धन का दुरुपयोग न हो, इसके लिए सरकार ने विशेष उपाय किए हैं.
उन्होंने कहा कि अयोग्य किसानों से रिकवरी करने के लिए एक गाइडलाइंस बनाई गई है. उसी के तहत किसानों से वसूली की जाएगी. उन्होंने बताया कि पंजीकरण और सत्यापन के लिए भी राज्य सरकार को एडवाइजरी जारी की गई है.
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