पेट्रोलियम और बिजली मंत्रालय मिलकर बना रहे रणनीति, बहुरेंगे 25,000 मेगावाट की बिजली परियोजनाओं के दिन
नई दिल्ली, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की लगातार बढ़ती कीमतों को देख केंद्र सरकार ने वर्षों से लंबित गैस आधारित बिजली परियोजनाओं में जान फूंकने की कोशिश तेज कर दी है। करीब 25,000 मेगावाट क्षमता की ढाई दर्जन ऐसी परियोजनाएं अभी गैस की कमी की वजह से बेकार पड़ी हुई हैं। अब पेट्रोलियम मंत्रालय और बिजली मंत्रालय मिलकर एक रणनीति तैयार कर रहे हैं, जिसके तहत बिजली कंपनियों को लंबे समय तक स्थिर कीमत पर गैस की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए सरकार कई चरणों की रणनीति बना रही है। इस रणनीति को सफल बनाने में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) और सरकारी उपक्रम ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी घरेलू कंपनियों पर भारी दारोमदार होगा। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस सचिव तरुण कपूर ने बताया कि गैस आधारित बिजली कंपनियों को दोबारा शुरू करना पूरी तरह से सरकार के एजेंडे में है। अगले दो वर्षों के भीतर ये सारी बिजली परियोजनाएं पूरी क्षमता से काम कर सकती हैं।