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पेट्रोल-डीजल GST के दायरे में आएंगे, सरकार ने कही ये बात

Rani Sahu
19 July 2021 5:32 PM GMT
पेट्रोल-डीजल GST के दायरे में आएंगे, सरकार ने कही ये बात
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पेट्रोल-डीजल GST के दायरे में आएंगे, सरकार ने कही ये बात

आम आदमी को तेल के बढ़ते दाम से राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) को गुड्स एंड सर्विसज टैक्स (GST) के दायरे में लाए जाने की मांग की जा रही है. हालांकि, जीएसटी में पेट्रोल, डीजल के शामिल करने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. इस बीच, केरल हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी (GST) सिस्टम के तहत लाने की मांग करने वाले एक प्रतिनिधित्व पर फैसला करने को कहा है.

चीफ जस्टिस एस मणिकुमार और जस्टिस Shaji P Chaly की खंडपीठ ने सरकार से 6 हफ्ते के भीतर इस पर फैसला लेने को कहा है. केरल प्रदेश गांधी दर्शनवेदी ने एडवोकेट अरुण बी वर्गीस के माध्यम से पेट्रोल, डीजल को जीएसटी में शामिल किए जाने की याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि विभिन्न राज्यों में पेट्रोल और डीजल की दरें अलग-अलग हैं क्योंकि प्रत्येक राज्य द्वारा लगाया जाने वाला टैक्स अलग है.
बता दें कि पेट्रोलिमय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि पेट्रोल, डीजल को माल एवं सेवाकर (GST) के दायरे में लाने के बारे में कोई भी फैसला जीएसटी काउंसिल (GST Council) को लेना है. देश के कई शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर से ऊपर पहुंच गए हैं.
जून में 3 रुपए से ज्यादा महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है. मंगलवार को तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में 27-28 पैसे प्रति लीटर और डीजल के भाव में 26.28 पैसे प्रति लीटर का इजाफा किया है. इस बढ़ोतरी के बाद मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 103.63 रुपए हो गई जबकि एक लीटर डीजल का भाव 95.72 रुपए हो गया.
इस महीने पेट्रोल और डीजल के दाम में 3 रुपए से ज्यादा का उछाल आया है. वहीं, 3 मई से इसमें 8 रुपए प्रति लीटर की तेजी आई है जबकि साल 2021 में पेट्रोल-डीजल 15.20 रुपए तक महंगा हुआ है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकर्ता याचिका पेट्रोल और डीजल टैक्स का यूनिफिकेशन की मांग की है. उसने याचिका में आरोप लगाया था कि लगातार तेल की बढ़ती कीमतें आम आदमी के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है क्योंकि आम सामानों की कीमतें भी तेल की बढ़ती कीमतों में बढ़ोतरी के साथ बढ़ती हैं.
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा था कि केंद्र और राज्य सरकारें तेल की कीमतों को नियंत्रित और हस्तक्षेप करती हैं. जब चुनाव आते हैं तो तब भी वे कहते हैं कि यह पेट्रोल मार्केटिंग कंपनियां तेल की कीमतें तय करती हैं.


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