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असली और नकली ऐप के झंझट से यूजर्स को बचाने के लिए सभी स्मार्टफोन में इनबिल्ट एप स्टोर (App Store) दिया जाता है
असली और नकली ऐप के झंझट से यूजर्स को बचाने के लिए सभी स्मार्टफोन में इनबिल्ट एप स्टोर (App Store) दिया जाता है. यूजर्स को भरोसा होता है कि इस प्लेटफार्म पर दिखने वाले ऐप्स सही और वेरिफाइड हैं. लेकिन एक शख्स के लिए ये भरोसा भारी पड़ गया. उसने ऐपल स्टोर से एक फर्जी ऐप (Fake App) डाउनलोड कर ली, जिस कराण उसे 4.3 करोड़ रुपये की चपत लगी और उसने अपनी जिंदगी की पूरी कमाई एक झटके में गवां दी.
Trezor ऐप से लगा चुना
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, शख्स का नाम फिलिप क्रिस्टोडौलू (Phillipe Christodoulou) है. उसने अपना बिटकॉइन बैलेंस चेक करने के लिए ऐप स्टोर पर Trezor नाम का ऐप सर्च किया. जिसके बाद उनके सामने ऐप्स की एक लिस्ट खुलकर आई, जिसमें Trezor का ही लोगो (Logo) लगा एक ऐप नजर आया. फिलिप ने बिना कुछ सोचे उस ऐप को डाउनलोड कर लिया और अपनी डिटेल्स दर्ज कर दी. इससे पहले कि वह पता कर पाते ऐप असली है या नकली, वह अपनी 6 लाख डॉलर यानी करीब 4.3 करोड़ रुपये की सेविंग्स गवां चुके थे.
बिटकॉइन के लिए पॉप्युलर है Trezor
बताते चलें कि बिटकॉइन अकाउंट (Bitcoin Account) की जानकारी और लेनदेन के लिए Trezor एक पॉप्युलर प्लेटफॉर्म है. दुनियाभर में इस ऐप के करोड़ों यूजर्स हैं. इसमें फिलिप भी एक हैं. लेकिन एक जैसा डिजाइन और काफी हद तक ओरिजनल ऐप जैसा लुक देख फिलिप्स धोखा खा गए और उन्होंने करोड़ों रुपये गवां दिए. इस फर्जी ऐप का असली काम लोगों की फाइनैंशियल डिटेल्स लेकर अकाउंट खाली करना था. इसी का शिकार फिलिप भी हुए.
सबसे बड़ा सवाल है कि ये फर्जी ऐप Apple जैसी बड़ी कंपनी के ऐप स्टोर पर किस तरह पहुंचा. क्योंकि किसी भी ऐप को स्टोर तक पहुंचने के लिए पहले एक रिव्यू प्रोसेस से गुजरना होता है और सभी लेवल पर सही साबित होने पर उसे ऐप स्टोर पर जगह दी जाती है. फिलिप ने भी इसका जिम्मेदार ऐपल कंपनी को ठहराया है.
Apple कंपनी ने दी सफाई
जब बात Apple कंपनी के अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने कहा, 'हमें बताया गया था कि यह एक क्रिप्टोकरेंसी ऐप नहीं है, बल्कि क्रिप्टोग्राफी ऐप है जो फाइलों को एन्क्रिप्ट करेगा और पासवर्ड स्टोर करेगा. हालांकि, सबमिट करने के बाद यह एक क्रिप्टोकरेंसी ऐप में बदल गया और Apple यह पता लगाने में विफल रहा.'
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