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नवंबर 2020 में एक ऐसा मामला सामने आया था जब
नवंबर 2020 में एक ऐसा मामला सामने आया था जब अहमदाबाद आधारित ट्रांसपोर्टर ने स्पेशल नंबर प्लेट के लिए 34 लाख रुपए की बोली लगाई थी. इस बोली ने काफी सुर्खियां बटोरी थी. शख्स ने अपनी टोयोटा फॉर्च्यूनर के लिए ये बोली लगाई थी. लेकिन अब लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार अक्षित पटेल ने अब इस बोली से अपना नाम वापस ले लिया है. पटेल ने 0007 नंबर प्लेट के लिए 34 लाख रुपए की बोली लगाई थी लेकिन अब उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया है.
0007 नंबर प्लेट एक बेहद स्पेशल नंबर प्लेट है जिसे आप कई फिल्मों में भी देख चुके हैं. लेकिन 007 को असलियत में जेम्स बॉन्ड के जासूसी वाले कैरेक्टर के लिए ही जाना जाता है. ब्रिटिश इंटेलिजेंस यूनिट M16 के लिए 007 बॉन्ड का सीक्रेट सर्विस कोड हुआ करता था. लेकिन अब ये नंबर प्लेट अक्षित को नहीं मिलेगा. हालांकि अक्षित ने ठीक इसी नंबर प्लेट को अपनी दूसरी गाड़ी के लिए इस्तेमाल किया जिसके लिए उन्होंने मात्र 25,000 रुपए दिए हैं. रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 3 प्रतिशत ही ऐसे लोग होते हैं जो बोली लगाने के बाद पूरा पैसा नहीं देते.
पटेल ने किया इनकार
पटेल ने हालांकि इन सब आरोपों को ठुकरा दिया है और कहा है कि वो 34 लाख रुपए ऑनलाइन देने के लिए तैयार थे. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की मदद से वो सिर्फ 4.50 लाख रुपए की ट्रांसफर कर पाएं. इसके बाद वो अमाउंट ट्रांसफर नहीं कर पा रहे थे. दूसरी तरफ RTO ऑफिशियल्स ने कहा है कि, कोई भी ग्राहको इन पैसों को ऑनलाइन या कैश में RTO को दे सकता है.
पिछले साल पटेल ने GJ01 WA 0007 नंबर प्लेट को अपनी 40 लाख रुपए की फॉर्च्यूनर के लिए बोली में खरीदा था लेकिन वो उस दौरान फुल पेमेंट नहीं कर पाए. ऐसे में उन्होंने उस दौरान अपनी दूसरी गाड़ी के लिए इस नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया, चूंकी उस समय कोई और बोली नहीं चल रही थी तो उनको ये नंबर प्लेट मात्र 25,000 रुपए में ही मिल गई.
RTO ऑफिशियल्स का जवाब
RTO ऑफिशियल्स ने कहा है कि, बोली की रकम जब 1 लाख रुपए को पार कर देती है तो बोली लगाने वाले ग्राहक अपने परिवार और दोस्तों से राय लेने लगते हैं. ऐसे मामलों में ये मुमकिन है कि अगर उनके आसपास कोई और बोली लगाने वाला है तो वो उस नंबर प्लेट को कम कीमत में अपना बना सकता है. ऐसे में अक्षित के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.
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