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घर बनाने के लिए लोग लेते हैं होम लोन, जानें घर खरीदने के किया होते है फायदे

Tulsi Rao
13 Jan 2022 9:46 AM GMT
घर बनाने के लिए लोग लेते हैं होम लोन, जानें घर खरीदने के किया होते है फायदे
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कई लोगों का खुद का घर बनवाना एक सपना होता है, जिसे पूरा करने के लिए वो दिन-रात मेहनत करके पैसा जोड़ते हैं. कुछ लोग घर बनाने के लिए बैंक से लोन भी लेते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। EMI vs Rent: कई लोगों का खुद का घर बनवाना एक सपना होता है, जिसे पूरा करने के लिए वो दिन-रात मेहनत करके पैसा जोड़ते हैं. कुछ लोग घर बनाने के लिए बैंक से लोन भी लेते हैं. लेकिन कुछ लोगों को किराए के घर में रहना पसंद होता है. कोरोना के चलते दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई महानगरों में किराए में कमी की खबरें भी आ रही हैं. दूसरी ओर घर खरीदने पर EMI का बोझ बढ़ जाता है. ऐसे में सवाल ये है कि अपना घर खरीदना जरूरी है या किराए पर रहना ज्यादा बेहतर विकल्प है. आइए इसे समझते हैं.

किराया बढ़ता जाता है, EMI नहीं
अगर आप होम लोन लेकर घर खरीद रहे हैं, जो शुरुआती वर्षों में आपको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि शुरुआत में किराए के मुकाबले होम लोन की EMI बहुत अधिक होती है. लेकिन कुछ वर्षों बाद EMI वही रहेगी, जबकि मकान का किराया काफी बढ़ जाएगा. इस दौरान आपकी सैलरी बढ़ चुकी होगी, ऐसे में आप आसानी से EMI दे सकते हैं.
घर खरीदने से तैयार होता है एसेट
किराए पर आप चाहें जितने दिन भी रहें, वो मकान आपका नहीं होता है. इसलिए उसकी कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी का कोई फायदा आपको नहीं मिलता है. दूसरी ओर घर खरीदने पर उसकी कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी का फायदा आपको मिलता है.
टैक्स छूट का लाभ
होम लोन पर आपको ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है, जबकि किराए पर ऐसा कोई लाभ नहीं मिलता. होम लोन लेकर घर खरीदने पर आयकर के मौजूदा नियमों के मुताबिक EMI पर टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है.
सबसे जरूरी हैं वित्तीय प्लानिंग
अगर आप घर खरीदने का फैसला करते हैं तो आपको डाउनपेमेंट के रूप में कुल कीमत का करीब 20% देना होगा. इसके अलावा स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन फीस और हर महीने बैंक की EMI चुकानी होगी. अगर आपके पास इतना फंड है तो ही आप मकान खरीद सकते हैं. इसकी जगह मकान का किराया काफी कम होगा है. किराए पर रहकर जो अतिरिक्त राशि बचती है, उसे आप दूसरी जगह निवेश कर सकते हैं. इस तरह आप एक बड़ा फंड तैयार करके घर खरीद सकते हैं.
अपने घर का भावनात्मक पक्ष
घर खरीदने के फैसले का भावनात्मक पक्ष भी है. अपने घर से लगाव और उससे जुड़ी यादों की कोई कीमत नहीं हो सकती. इस बात को देखते हुए भी घर खरीदने का फैसले को सही कहा जा सकता है


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