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तुर्की में महंगाई से बेहाल हुए लोग, उधार लेकर जीवन जीने को मजबूर हुए

Bhumika Sahu
11 Dec 2021 4:03 AM GMT
तुर्की में महंगाई से बेहाल हुए लोग, उधार लेकर जीवन जीने को मजबूर हुए
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तुर्की में फल-सब्जी बेचने वाले दुकानदारों को रोजाना कीमतों में बढ़ोतरी करनी पड़ रही है. यही वजह है कि खरीदार भी अब इन हालातों से बुरी तरह परेशान हो चुके हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तुर्की में महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है. तुर्की में जिस स्पीड के साथ महंगाई बढ़ रही है, उससे उबरना काफी मुश्किल लग रहा है. देश में बढ़ती महंगाई की वजह से अर्थव्यस्था भी चौपट होती जा रही है. तुर्की की करेंसी लीरा का भी बुरा हाल हो रखा है. लीरा की वैल्यू में ऐतिहासिक गिरावट देखी गई. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लीरा में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन की नीतियों की वजह से तुर्की की ये हालत हो रही है.

रोजाना बढ़ रही हैं फल-सब्जी की कीमतें
तुर्की में बढ़ती महंगाई ने राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन की मुश्किलें अब हद से ज्यादा बढ़ा दी हैं. आलम ये है कि देश की मौजूदा वित्तीय हालत को देखते हुए विपक्ष ने समय से पहले ही चुनाव कराने की मांग उठी दी है. बीबीसी हिंदी की एक खबर के मुताबिक तुर्की में फल-सब्जी बेचने वाले दुकानदारों को रोजाना कीमतों में बढ़ोतरी करनी पड़ रही है. यही वजह है कि खरीदार भी अब इन हालातों से बुरी तरह परेशान हो चुके हैं. यहां तक कि राष्ट्रपति के गढ़ माने जाने वाले इलाके में रहने वाले लोग भी अब इस महंगाई से हार मान चुके हैं और राष्ट्रपति की जमकर आलोचना कर रहे हैं.
राष्ट्रपति की नीतियों से जनता में नाराजगी
राजधानी इस्तांबुल के पास रहने वाले एक 76 साल के यिलमाज छोरू ने बीबीसी को बताया, "मैंने अपनी जिंदगी में कभी ऐसी सरकार नहीं देखी. इससे पहले की बेकार सरकारें और मिलिट्री शासन में भी ऐसा कभी नहीं हुआ. मैंने रजब तैयब अर्दोआन को तुर्की का राष्ट्रपति बनाने के लिए वोट दिया था और अब मुझे अपने फैसले पर अफसोस हो रहा है." रिपोर्ट में कहा गया है कि यिलमाज लोगों से उधार पैसा लेकर अपना जीवन चलाने के लिए मजबूर हैं. कई बार तो वे फल-सब्जियों की कीमत सुनकर आगे निकल जाते हैं. अर्थव्यवस्था को लेकर दिया जाने वाला राष्ट्रपति का एक-एक बयान तुर्की को वित्तीय संकट की खाई में ले जा रहा है. खबर में बताया गया कि राष्ट्रपति जब कभी भी देश की अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ बोलते हैं तो लीरा की वैल्यू गिरने लगती है.
भारत की स्थिति भी खराब!
भारत में भी महंगाई ने आम आदमी को बुरी तरह से परेशान कर रखा है. रोजमर्रा के सामान से लेकर खाने-पीने की चीजें, तेल, पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस जैसी जरूरी चीजों की कीमतों ने बीते सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इतना ही नहीं, देश में अब जरूरी सेवाओं के लिए भी पहले से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है. महंगाई के इस दौर में निम्न वर्ग के लोगों के लिए जीवन व्यतीत करना काफी मुश्किल हो गया है. बताया जा रहा है कि जरूरी सामानों की मैन्यूफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल और अन्य जरूरी चीजों की बढ़ती कीमतों की वजह से महंगाई बढ़ती ही जा रही है.


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