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विरोध पर उतरे लोग, गरबा पर भी GST गुजरात में मचा हंगामा

Admin4
4 Aug 2022 1:56 PM GMT
विरोध पर उतरे लोग, गरबा पर भी GST गुजरात में मचा हंगामा
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न्यूज़क्रेडिट:आजतक

माल एवं सेवा कर यानी जीएसटी (GST) को लेकर एक के बाद एक नए विवाद सामने आ रहे हैं. यहां तक कि खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) को संसद में जीएसटी पर सफाई देने की जरूरत पड़ी है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के गृह राज्य गुजरात (Gujarat) में जीएसटी को लेकर नया विवाद सामने आया है.

दरअसल गरबा समारोह के आयोजनों और गरबा से संबंधित ड्रेसों आदि पर जीएसटी (GST On Garba) वसूल करने के सरकार के फैसले का लोग खासकर विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं.

एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार ने कॉमर्शियल गरबा समारोह के एंट्री पास पर जीएसटी (GST On Garba Entry Pass) लगाने का फैसला किया है. अकेले वडोदरा में इस तरह के करीब 01 लाख पास जारी होते हैं. इससे राज्य सरकार को जीएसटी के रूप में 1.50 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हो सकती है. इसी तरह राजकोट में जारी होने वाले करीब 50 हजार पास से सरकार को 01 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हो सकती है. एंट्री पास के अलावा Chaniya Choli पर भी 5 फीसदी से लेकर 12 फीसदी तक जीएसटी (GST On Garba Costume) वसूलने की तैयारी है. अगर इनकी कीमत 1000 रुपये तक हुई तो 5 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा. कीमत 1000 रुपये से ज्यादा होने पर जीएसटी की दर बढ़कर 12 फीसदी हो जाएगी.

आयोजक खोजने लगे विकल्प

गरबा समारोहों के आयोजक इससे बचने के लिए तरह-तरह के उपाय भी अपना रहे हैं. सूरत में ऑर्गेनाइजर्स ने पूरे सीजन के पास के बजाय डेली पास का विकल्प दिया है. उनका कहना है कि डेली पास की कीमत 499 रुपये से कम रहेगी, जिस कारण इनके ऊपर जीएसटी नहीं लगेगा. सरकार ने गरबा के एंट्री पास पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाया है. आयोजकों का कहना है कि डेली पास की व्यवस्था होने से गरबा में भाग लेने वाले लोगों को जीएसटी का भुगतान करने से छूट मिल जाएगी. हालांकि इस बारे में चीजें अभी साफ नहीं हैं.

लोग कर रहे फैसले का विरोध

सरकार के इस फैसले का लोग खासकर विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं. वडोदरा में कांग्रेस की स्थानीय यूनिट ने इसे लेकर कलेक्टर ऑफिस के सामने गरबा आयोजित कर प्रोटेस्ट किया. सूरत में भी लोगों ने सार्वजनिक गरबा कर जीएसटी लगाने का विरोध किया. आम आदमी पार्टी ने गरबा को गुजरात की अस्मिता का प्रतीक बताते हुए राज्य सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. वहीं आयोजकों का कहना है कि पिछले तीन साल से कोरोना के कारण उनका बिजनेस घाट में चल रहा था, इस बार जीएसटी के कारण बिजनेस पर असर पड़ने वाला है.

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