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बड़ा घर खरीदने के लिए लोग बेच रहे अपना दो घर, मिल रहा ये फायदा

Gulabi
24 Nov 2020 4:25 AM GMT
बड़ा घर खरीदने के लिए लोग बेच रहे अपना दो घर, मिल रहा ये फायदा
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इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्युनल (ITAT) की मुंबई ब्रांच ने हाल ही में अपने एक आदेश में टैक्स से जुड़ा एक फायदा बताया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्युनल (ITAT) की मुंबई ब्रांच ने हाल ही में अपने एक आदेश में टैक्स से जुड़ा एक फायदा बताया है। अपीलेट ने साफ किया है कि अगर कोई शख्स दो रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी यानी घर बेचता है और उन पैसों से कोई दूसरा घर खरीदता है तो उसे आयकर अधिनियम के सेक्शन 54 के तहत टैक्स में फायदा मिलेगा। कुछ लोगों को टैक्स के इन खास नियम से बड़ा फायदा होगा।


लोग बड़ा घर खरीदने के लिए बेच रहे दो घर

ITAT में एक ऐसे ही केस की सुनवाई हुई है, जिसमें साबिर मजहर अली नाम के एक शख्स ने मुंबई के बैंड्रा में अपने दो फ्लैट बेचे, जिसमें से एक उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर ज्वाइंट मालिकाना हक में लिया था। उन दोनों फ्लैट के पैसों से उन्होंने अपने लिए बैंड्रा में एक दूसरा फ्लैट खरीदा। वित्त वर्ष 2010-11 में उन्होंने आयकर अधिनियम के सेक्शन 54 के तहत डिडक्शन क्लेम किया था, क्योंकि उन्होंने समय रहते एक नया घर खरीदा था।

अली के केस में हुआ ये फैसला

काफी अधिक दिनों तक वर्क फ्रॉम होम करने और भविष्य में वर्क फ्रॉम होम और अधिक बढ़ने को देखते हुए कुछ परिवारों ने बड़े फ्लैट ढूंढने शुरू कर दिए हैं। इन्वेस्टमेंट प्रोफेशनल्स बताते हैं कि कुछ नौकरीपेशा लोगों ने एक दूसरे घर में भी निवेश किया हुआ है। बहुत से लोग एक बड़ा फ्लैट लेने के लिए अपना घर और निवेश को ध्यान में रखकर लिया गया दूसरा घर बेचने की सोच रहे हैं।

क्या फायदा मिलता है सेक्शन 54 में?

सेक्शन 54 के तहत अगर घर बेचने से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को एक निश्चित समय के अंदर ही भारत में ही दूसरा घर खरीदने के लिए निवेश किया जाता है तो उस पर आयकर में छूट मिलती है। इससे टैक्स का बोझ कम हो जाता है। ऐसे में अगर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से मिले सारे पैसे निवेश कर दिए जाते हैं तो कोई भी टैक्स नहीं देना होगा। इस सेक्शन के तहत पुराने घर को बेचने से एक साल पहले या फिर उसे बेचने के दो साल तक कोई दूसरी घर खरीदना होगा। या पुराना घर बेचने के तीन साल के अंदर उसे कोई दूसरा घर बनाना होगा।

आखिरकार अली के हक में हुआ फैसला

अली के मामले में उन्होंने दो घर बेचे थे और वो पैसे एक घर में निवेश किए। इस मामले में आयकर अधिकारी ने कहा कि वह सेक्शन 54 के तहत टैक्स छूट का दावा करने के लिए योग्य नहीं हैं। जब विवाद हुआ तो ये मामला इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्युनल में पहुंच गया। ट्रिब्युनल ने आयकर विभाग के खिलाफ और अली के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि कोई शख्स अपने दो घर बेचकर एक में निवेश कर के पुराने घर से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स छूट ले सकता है।


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