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पेटीएम ने शेयरधारकों और कर्मचारियों को शेयर बिक्री के लिए जमा किए जाने वाले दस्तावेज, जानिए अब कब तक सौंपना होगा डॉक्यूमेंट

Shiddhant Shriwas
24 Jun 2021 8:54 AM GMT
पेटीएम ने शेयरधारकों और कर्मचारियों को शेयर बिक्री के लिए जमा किए जाने वाले दस्तावेज, जानिए अब कब तक सौंपना होगा डॉक्यूमेंट
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पेटीएम ब्रांड के तहत सेवाओं का परिचालन करने वाली वन 97 कम्युनिकेशंस अपना आईपीओ लाने की योजना बना रही है, जिसके तहत नए इक्विटी शेयर जारी करने और मौजूदा शेयरधारकों के शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव शामिल है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा क्षेत्र की पॉपुल कंपनी पेटीएम ने शेयरधारकों, कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों को राहत दी है. कंपनी ने उन्हें शेयर बिक्री के लिए जमा किए जाने वाले दस्तावेज की समयसीमा 30 जून तक बढ़ा दी है. ऐसे में जो कंपनी के प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में अपने शेयर बेचना चाहते हैं, उन्हें अतिरिक्त वक्त मिलेगा.

पेटीएम ब्रांड के तहत सेवाओं का परिचालन करने वाली वन 97 कम्युनिकेशंस अपना आईपीओ लाने की योजना बना रही है, जिसके तहत नए इक्विटी शेयर जारी करने और मौजूदा शेयरधारकों के शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव शामिल है.
पेटीएम ने अपने शेयरधारकों को एक नोटिस में कहा, "हमारे शेयरधारकों को अतिरिक्त मौजूदा स्थिति के कारण अतिरिक्त समय प्रदान किया जा रहा है. साझा किए गए सभी दस्तावेज़ों को संसाधित करने और उन्हें हमें भेजने के लिए अब अंति​म तिथि को बढ़ााया जा रहा है. 22 जून, 2021 से अब ये डेडलाइन 30 जून, 2021 तक कर दी गई है."
पेटीएम के प्रमुख शेयरधारकों में अलीबाबा का एंट ग्रुप (29.71 फीसदी), सॉफ्टबैंक विजन फंड (19.63 फीसदी), सैफ पार्टनर्स (18.56 फीसदी), विजय शेखर शर्मा (14.67 फीसदी) शामिल हैं। इसके अलावा एजीएच होल्डिंग, टी रो प्राइस एंड डिस्कवरी कैपिटल, बर्कशायर हैथवे की कंपनी में 10 फीसदी से कम हिस्सेदारी है.
पेटीएम नई इक्विटी जारी करके 12,000 करोड़ रुपए तक जुटाने की योजना है, जिसके लिए वह 12 जुलाई को एक असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में शेयरधारकों की मंजूरी लेगा.कंपनी ईजीएम में पेटीएम के संस्थापक और प्रबंध निदेशक विजय शेखर को प्रमोटर के रूप में घोषित करने की मंजूरी भी मांगेगी.
27 मई को प्रकाशित बर्नस्टीन की रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम का राजस्व वित्तीय वर्ष 2023 तक दोगुना होकर ₹7,000 करोड़ से अधिक हो सकता है, जिसमें गैर-भुगतान खंड का कुल किटी में लगभग 33% योगदान है.


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