उड्डयन क्षेत्र में मुसाफिरों को मिल सकता है हैवी डिस्काउंट ऑफर
दिल्ली: एयर टरबाइन फ्यूल के महंगा होने और कड़ी प्रतिस्पर्द्धा की कमी के कारण नागरिक उड्डयन क्षेत्र में इस साल की शुरुआत से ही तेजी का रुख बना हुआ है, लेकिन अगस्त महीने की शुरुआत से घरेलू विमान सेवा के क्षेत्र में करीब तीन साल बाद एक बार फिर कड़ी प्रतिस्पर्द्धा शुरू होने और हवाई किराए की दरों में नरमी आने के संकेत मिलने लगे हैं। आने वाले कुछ दिनों में भारत में एक बार फिर जेट एयरवेज की शुरुआत होने वाली है। वहीं बिग बुल राकेश झुनझुनवाला के पार्टनरशिप वाली कंपनी आकाश एयर भी जुलाई के अंत तक अपना परिचालन शुरू करने योजना बना रही है। वहीं एयर इंडिया को टेकओवर करने के बाद टाटा ग्रुप एयरलाइंस भी घरेलू उड्डयन क्षेत्र में नए कलेवर के साथ खुद को स्थापित करने की कोशिश में जुट गया है। आकाश एयर जहां घरेलू उड्डयन क्षेत्र में खुद को स्थापित करने की कोशिश करने वाली है, वहीं जेट एयरवेज और टाटा ग्रुप एयरलाइंस घरेलू उड्डयन क्षेत्र में बादशाहत हासिल करने की कोशिश करेंगी।
जेट एयरवेज को पिछले महीने 20 तारीख को ही नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट मिला था, जिसके बाद इस एयरलाइन्स के लिए अपनी हवाई सेवा एक बार फिर शुरू करने का रास्ता साफ हो गया। जेट एयरवेज ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को ही फ्लाइंग ऑपरेशन के लिए कर्मचारियों की भर्ती भी शुरू कर दी है। कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद जल्दी ही जेट एयरवेज अपनी हवाई सेवा की शुरुआत कर सकती है। आपको बता दें की जेट एयरवेज 3 साल पहले तक देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन कंपनी थी, लेकिन बाद में इसके आर्थिक हालात लगातार खराब होते गए। इसकी वजह से इस एयरलाइन को अपने फ्लाइंग ऑपरेशन को पूरी तरह से बंद करना पड़ा था, लेकिन अब कंपनी का प्रबंधन बदलने के बाद जेट एयरवेज अपनी हवाई सेवा को दोबारा बहाल करने जा रही है और उसकी कोशिश हवाई सेवा कारोबार में एक बार फिर अपनी बादशाह कायम करने की होगी।
इसी तरह आकाश एयर अगले सप्ताह से एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए टेस्ट फ्लाइट की शुरुआत कर सकती है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट हासिल हो जाने के बाद जुलाई के अंत तक ये कंपनी स्वतंत्र रूप से व्यावसायिक उड़ानों का संचालन शुरू कर सकती है। आकाश एयर की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक शुरुआत में कंपनी ने टियर-2 शहरों और मेट्रो शहरों के बीच हवाई सेवा के संचालन की योजना बनाई है। आकाश एयर को पिछले सप्ताह मंगलवार को ही अपना पहला एयरक्राफ्ट मिला है। आकाश का बोइंग 737 एमएएक्स विमान 21 जून को ही दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा है। अपने एयर ऑपरेशन के लिए आकाश अभी तक कुल 72 बोइंग 737 एमएएक्स विमानों का ऑर्डर दे चुकी है। इनमें मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक कंपनी को 18 विमान मिल जाएंगे, जबकि शेष 54 विमानों की डिलीवरी अगले 4 सालों की अवधि में होगी। व्यावसायिक हवाई सेवा शुरू करने के लिए इस एयरलाइन को पिछले साल अगस्त के महीने में ही सिविल एवियशन मिनिस्ट्री से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिल चुका है।
जानकारों के मुताबिक उड्डयन क्षेत्र की सबसे बड़ी खिलाड़ी एयर इंडिया भी टाटा एयरलाइन के पास जाने के बाद अपनी पुरानी साख हासिल करने की कोशिश कर रही है। एयर इंडिया की योजना प्रबंधन को दुरुस्त करके अपनी हवाई सेवाओं का विस्तार करने की है। इसके लिए आने वाले सालों में कंपनी ने करीब 300 नए विमान हासिल करने की योजना बनाई है। जानकारों का कहना है कि उड्डयन क्षेत्र में जेट एयरवेज और आकाश एयर के उतर जाने तथा एयर इंडिया द्वारा अपनी सेवा में विस्तार करने की योजना के कारण अगस्त और उसके बाद के महीनों में भारतीय नागर विमानन क्षेत्र में करीब 3 साल बाद एक बार फिर कड़ी प्रतिस्पर्द्धा की स्थिति बनने की संभावना है। नई कंपनियों के सामने जहां घरेलू उड्डयन क्षेत्र में अपना पैर जमाने की चुनौती होगी, वहीं पहले से काम कर रही दिग्गज एयरलाइन कंपनियों के बीच अपना मार्केट शेयर बचाए रखने और उसे बढ़ाने की चुनौती होगी। ऐसा होने पर दिग्गज एयरलाइंस कंपनियों के बीच आने वाले दिनों में कड़ा मुकाबला देखा जा सकता है, जिसका परिणाम हवाई यात्रा करने वाले मुसाफिरों को लुभाने के लिए डिस्काउंट ऑफर के रूप में सामने आ सकता है। जाहिर है कि एयरलाइंस कंपनियों के बीच जितना कड़ा मुकाबला होगा, उतना ही फायदा हवाई मुसाफिरों को डिस्काउंट के रूप में मिलेगा।