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Edible Oil latest price: आयात शुल्क कटौती के बाद भी महंगा हुआ पाम तेल, जानिए वजह

Rani Sahu
13 July 2021 12:31 PM GMT
Edible Oil latest price: आयात शुल्क कटौती के बाद भी महंगा हुआ पाम तेल, जानिए वजह
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आयात शुल्क कटौती के बाद भी महंगा हुआ पाम तेल, जानिए वजह

Edible Oil price today: घरेलू बाजार में अधिक स्टॉक होने के कारण इस साल जून के दौरान पिछले महीने की तुलना में भारत का पाम तेल (palm oil imports) आयात 24 फीसदी घटकर 5,87,467 टन रह गया. उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) ने मंगलवार को यह जानकारी दी. एसईए ने चिंता व्यक्त की कि कच्चे पाम तेल (Crude Palm Oil) और अन्य पाम तेलों के आयात शुल्क में हाल में सितंबर तक के लिए कटौती, साथ ही दिसंबर तक आरबीडी पामोलिन के आयात पर रोक हटाने से घरेलू तेल रिफाइनिंग कंपनियों और तिलहन उत्पादकों के हितों को नुकसान पहुंचेगा.

न्यू एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाम ऑयल की कीमत में 6 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. कीमत में तेजी को लेकर कहा गया है कि सकार द्वारा इंपोर्ट टैक्स में कटौती के कारण डिमांड बढ़ी है जिसके कारण इंटरनेशनल मार्केट में उसका रेट बढ़ गया है. कीमत में तेजी से मांग पर असर हो सकता है और इसके कारण सरकार के लिए फिर से इंपोर्ट टैक्स में कटौती का फैसला मुश्किल होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि ड्यूटी कट के कारण ही मांग में तेजी आई है और फिर रेट बढ़ा है.
जून में वनस्पति तेल आयात में 17 फीसदी की गिरावट
दुनिया में वनस्पति तेलों के मुख्य खरीदार देश भारत (vegetable oil buyer) ने जून 2020 में 5,64,839 टन पामतेल का आयात किया था. जबकि मई 2021 में पाम तेल का आयात 7,69,602 टन का हुआ था. देश का कुल वनस्पति तेल आयात इस साल जून में 17 फीसदी घटकर 9.96 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 11.98 लाख टन था. देश के कुल वनस्पति तेल आयात में पाम तेल का हिस्सा 60 फीसदी से अधिक का है.
स्टॉक होने के कारण जून में आयात में आई गिरावट
एसईए के अनुसार, घरेलू बाजार में खाद्यतेल का अधिक स्टॉक होने के कारण जून में वनस्पति तेल का आयात पिछले महीने की तुलना में कम रहा. संगठन के आंकड़ों के अनुसार, पाम तेल उत्पादों में, कच्चे पाम तेल (क्रूड पाम ऑयल) का आयात इस साल जून में बढ़कर 5.76 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले इसी महीने में 5.63 लाख टन था.
अलग-अलग तेल के आयात में बंपर उछाल
इसी अवधि में कच्चे पाम कर्नेल तेल (सीपीकेओ) के आयात की खेप पहले के 1,000 टन से बढ़कर 7,377 टन हो गई. आरबीडी पामोलिन का आयात इस साल जून में बढ़कर 3,200 टन हो गया, जो एक साल पहले 300 टन था. हल्के तेलों में सोयाबीन तेल का आयात जून में घटकर 2,06,262 टन रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 3,31,171 टन था. इसी तरह सूरजमुखी तेल की आयात की खेप पहले के 2,69,428 टन से घटकर 1,75,702 टन रह गई.
बांग्लादेश और नेपाल से बढ़ेगा आयात
एसईए के अनुसार, आरबीडी पाम तेलों के निर्बाध आयात की छूट देने से नेपाल और बांग्लादेश से शून्य शुल्क पर रिफाइंड तेलों के आयात में जबर्दस्त वृद्धि हो सकती है, जिससे पूर्वी और उत्तरी भारत के रिफाइनरी इकाइयां गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती हैं.
खाद्य तेलों का भंडार 19.87 लाख टन
एक जुलाई तक खाद्य तेल का कुल भंडार 19.87 लाख टन था, जिसमें से 12.60 लाख टन पाइपलाइन में होने का अनुमान है. भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात करता है और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित कच्चे हल्के तेल बहुत कम मात्रा में आयात करता है. सूरजमुखी का तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है.


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