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कुल खरीद में पंजाब का हिस्सा एक तिहाई
नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के जारी विरोध प्रदर्शन के बीच चालू विपणन सत्र में अब तक 1.16 लाख करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद 18 प्रतिशत बढ़कर 614.25 लाख टन की हो चुकी है। बता दें हजारों किसान, जो मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं, दिल्ली-सीमाओं पर दो महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि पिछले साल सितंबर में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।
85.67 लाख किसान पहले ही लाभान्वित
एक सरकारी बयान में कहा गया, ''चालू खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 में, सरकार एमएसपी की मौजूदा योजनाओं के अनुसार किसानों से एमएसपी मूल्य पर खरीफ 2020-21 फसलों की खरीद जारी रखे हुए है, जैसा कि पिछले सत्रों में किया गया था। खरीफ विपणन सत्र अक्टूबर से शुरू होता है। सरकार ने पांच फरवरी तक 614.27 लाख टन धान की खरीद की है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 521.93 लाख टन की खरीद से 17.69 प्रतिशत अधिक है। बयान में कहा गया, ''चालू खरीफ विपणन सत्र में 1,15,974.36 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के खरीद अभियान से लगभग 85.67 लाख किसान पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं।
कुल खरीद में पंजाब का हिस्सा एक तिहाई
धान की अभी तक की 614.27 लाख टन की कुल खरीद में से, पंजाब ने अकेले 202.82 लाख टन का योगदान दिया है, जो कुल खरीद का 33.01 प्रतिशत हिस्सा है। केंद्र राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए गेहूं व चावल आदि की खरीद करता है। यह, बाजार की कीमतें एमएसपी से नीचे आने पर दाल, तिलहन, मोटे अनाज और कपास जैसे अन्य फसलों की भी खरीद करता है।
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