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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | OYO IPO: हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल-टेक फर्म OYO सितंबर के बाद अपना आईपीओ लॉन्च कर सकती है. कंपनी ने स्टॉक मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) को पत्र लिखकर अपने आवेदन को अपडेट करने का अनुरोध किया है. इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि कंपनी अब 11 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग 7-8 अरब अमेरिकी डॉलर के लोवर वैल्यूएशन पर तैयार है. इसका मतलब है कि कंपनी आईपीओ साइज को छोटा कर सकती है. कंपनी ने आईपीओ के जरिए 8,430 करोड़ रुपये जुटाने के लिए पिछले साल अक्टूबर में सेबी के पास अपने ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए थे.
आईपीओ में देरी की ये है वजह
जानकारों के मुताबिक, कंपनी सितंबर तिमाही के बाद आईपीओ इसलिए लाना चाहती है, क्योंकि तब तक उसे फाइनेंशियल परफॉर्मेंस में सुधार की उम्मीद है. मौजूदा समय में शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव की स्थिति है. ऐसे में कंपनी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. सेबी को लिखे एक पत्र में OYO चलाने वाली ओरावेल स्टेज़ लिमिटेड (Oravel Stays Ltd) ने 30 सितंबर, 2022, 30 सितंबर, 2021 और 30 सितंबर, 2020 को समाप्त होने वाली छह महीने की अवधि के लिए फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को शामिल करने की अनुमति मांगी है.
कंपनी के DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) के अनुसार, OYO को FY21 में 1,744.7 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. कंपनी के प्रस्तावित आईपीओ के तहत, 7,000 करोड़ रुपये तक के फ्रेश शेयर जारी किए जाने थे, वहीं 1,430 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत किए जाने की योजना थी. हालांकि, अब माना जा रहा है कि ओएफएस के तहत कंपनी के प्रमोटर अपने शेयर नहीं बेचेंगे. ओएफएस एक कंपनी के प्रमोटरों को स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से जनता को अपने शेयर बेचने की अनुमति देता है.
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