व्यापार
दूसरी कंपनियों ने एपल एयरपॉड्स के सामने खड़ी की बड़ी मुसीबत, कंपनी ले रही है ये अहम फैसला
Apurva Srivastav
29 April 2021 9:13 AM GMT
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आईफोन मेकर्स के लिए एपल एयरपॉड्स एक ऐसा प्रोडक्ट है
आईफोन मेकर्स के लिए एपल एयरपॉड्स एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसकी बिक्री सबसे ज्यादा होती है. लेकिन अब इस प्रोडक्ट की सेल्स में कमी आ रही है. एपल ने यहां मैन्युफैक्चरिंग लाइन्स को ये निर्देश दे दिए हैं कि वो एयरपॉड्स के प्रोडक्शन को कम कर दें. ये कमी 25 से 30 प्रतिशत होने की आशंका है. एपल को फिलहाल अमेरिका में दूसरी वायरलेस ईयरफोन्स बनाने वाली कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है.
आईफोन मेकर फिलहाल मार्केट में टॉप के पॉजिशन पर है. लेकिन अब कंपनी को जितनी उम्मीद थी उस हिसाब से एयरपॉड्स की बिक्री बेहद कम हो रही है. क्योंकि कंपनी जितना ज्यादा एयरपॉड्स बना रही है उससे कम बिक्री हो रही है. Nikkie एशिया के अनुसार एपल साल 2021 में 75 से 85 मिलियन एयरपॉड्स यूनिट्स बनाने की प्लानिंग कर रहा है.
लेकिन अब कंपनी ने ये फैसला किया है कि, उसकी एयरपॉड्स की बिक्री में अगर किसी के जरिए सबसे ज्यादा असर दिखा है तो वो है दूसरी कंपनियों के कम कीमत पर अपने वायरलेस ईयरबड्स बेचना. एयरपॉड्स को साल 2016 में लॉन्च किया गया था.
मार्केट में कम कीमत पर बिक रहा है एयरपॉड्स
एपल एयरपॉड्स मार्केट में कम कीमत पर बिक रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार एयरपॉड्स प्रो इयरफोन्स को 25 प्रतिशत की छूट पर बेचा जा रहा है जबकि भारत में इसी की कीमत 20,990 रुपए है. एपल ने पिछले साल 72.8 मिलियन एयरपॉड्स बेचे थे. वहीं पिछले तीन महीनों में एपल ने वीयरेबल और एक्सेसरीज से कु ल 12.97 बिलियन का रेवेन्यू जरनेट किया जो उस क्वार्टर में 11 प्रतिशत था.
एयरपॉड्स को अमेरिका में सबसे ज्यादा बेचा जाता है और ये ऐसे वक्त में होता है जब छुट्टियां शुरू होती है. यानी की अगर किसी को कुछ गिफ्ट करना होता है तो वो एपल एयरपॉड्स दे देता है. वहीं इसके अलावा मैकबुक और आईपैड की सेल्स में भी इजाफा हुआ है. ये सबकुछ कंपनी के लिए कोरोना महामारी के दौरान मुमकिन हो पाया. यानी की लोगों ने घर में बैठे कई ऑर्डर्स प्लेस किए.
भारत में कम कीमत वाले ईयरफोन की खरीदारी ज्यादा
भारत में एपल एयरपॉड्स की बिक्री उतनी ज्यादा नहीं है लेकिन इसके बदले लोग बोट, रियलमी, नॉइस और रेडमी के ईयरफोन्स खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं. इन ब्रैंड्स के प्रोडक्ट आसानी से 2000 के नीचे आ जाते हैं. काउंटरपाइंट रिसर्च के अनुसार, एपल का मार्केट शेयर साल 2018 में जहां 67 प्रतिशत था तो वहीं 2019 में ये 47 प्रतिशत हो गया और 2020 में सिर्फ 31 प्रतिशत.
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