Business व्यापार : पुरानी पेंशन योजना यानी OPS और नई पेंशन योजना यानी NPS के बीच विवाद के बीच केंद्र सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना का समाधान देश के सामने पेश किया है. माना जा रहा है कि इस योजना के बाद पुराना विवाद खत्म हो जाएगा. लेकिन देश के कई कर्मचारी यूनियन सरकार की नई UPS व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं. उनके मुताबिक इस व्यवस्था में कई खामियां हैं. ऐसे में ये लोग OPS को सही ठहरा रहे हैं. आइए जानते हैं इसका विरोध क्यों हो रहा है, इसकी जड़ क्या है और इसका समाधान कैसे हो सकता है. सरकार ने क्यों लिया फैसला देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों में से एक अरुण कुमार ने TV9 हिंदी से बातचीत में कहा कि पेंशन सामाजिक सुरक्षा का मुद्दा है. नई पेंशन योजना में लोगों का पैसा सुरक्षित नहीं था. लोगों का पैसा बाजार और दूसरी जगहों पर लगा हुआ है. इसलिए हर तरह के विरोध को खत्म करने के लिए सरकार अब नई व्यवस्था लेकर आई है. लेकिन अब इसका भी विरोध होने लगा है. अरुण कुमार के मुताबिक देश में 60 करोड़ की श्रम शक्ति है, जिसमें से सिर्फ 1.8 करोड़ लोग ही सरकारी सेवाओं में हैं। जबकि दूसरे देशों में इसकी संख्या कहीं ज़्यादा है। सरकार का पेंशन बजट भी लगातार बढ़ रहा है। अगर सरकार को इससे निपटना है तो देश में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा देनी चाहिए। रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाना ही इसका उपाय है! अरुण कुमार कहते हैं कि देश में अभी भी 1930 वाली व्यवस्था लागू है। जबकि 1930 के दौर में लोग जल्दी काम करना छोड़ देते थे। अब लोगों की उम्र बढ़ गई है। माहौल में आए बदलाव के साथ अब लोग 60-70 साल तक काम करते हैं। जबकि रिटायरमेंट की उम्र अभी भी 58 साल ही है। ऐसे में अगर सरकार इस उम्र को बढ़ाती है। तो पेंशन पर सरकार का बजट कम हो जाएगा। वहीं पेंशन अभी सिर्फ संगठित क्षेत्र में है। इसे असंगठित क्षेत्र के लिए भी लागू किया जाना चाहिए। अब जानते हैं कि नई व्यवस्था में क्या खामी है जिसकी वजह से इसका विरोध हो रहा है।