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टैक्स भरने का मौका, फिर मिलेगा अवसर या होगी कार्रवाई

Admin4
31 July 2022 6:19 PM GMT
टैक्स भरने का मौका, फिर मिलेगा अवसर या होगी कार्रवाई
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न्यूज़क्रेडिट;अमरउजाला

आयकर रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन खत्म होने के साथ ही यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर जिन लोगों ने अब तक रिटर्न फाइल नहीं किया है, एक अगस्त से उनके साथ क्या होगा? क्या आयकर विभाग उन पर किसी तरह की कार्रवाई कर सकता है या उनके लिए टैक्स भरने का मौका बरकरार रहेगा। आइए जानते हैं...

आयकर विभाग की तरफ से वित्त वर्ष 2021-22 में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की 31 जुलाई की डेडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर इनकम टैक्स पोर्टल को लेकर की गई शिकायतों के बावजूद विभाग ने तय तारीख को नहीं बढ़ाया है। आज रात 10 बजे तक 63,47,054 आईटी रिटर्न दाखिल किए गए, जबकि पिछले एक घंटे में 4,60,496 आईटी रिटर्न भरे गए।

ऐसे में यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर जिन लोगों ने अब तक रिटर्न फाइल नहीं किया है, एक अगस्त से उनके साथ क्या होगा? क्या आयकर विभाग उन पर किसी तरह की कार्रवाई कर सकता है या उनके लिए टैक्स भरने का मौका बरकरार रहेगा। आइए जानते हैं...

1. जुर्माने का है प्रावधान

सरकार के नियमों के मुताबिक, जो भी टैक्स प्रदाता 31 जुलाई तक अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पाए हैं, उनके पास अभी भी आयकर भरने का मौका बरकरार है। लोग 31 दिसबंर तक आयकर भर सकते हैं। हालांकि, डेडलाइन निकलने के बाद अब लोगों को इसके लिए जुर्माना भरना पड़ेगा। 1961 के आयकर कानून के मुताबिक, 31 जुलाई के बाद टैक्स भरने वालों पर धारा 234ए के तहत ब्याज के साथ आयकर भरना होगा।

2. किस पर कितने जुर्माने का नियम?

31 जुलाई के बाद टैक्स प्रदाताओं को जुर्माने के साथ रिटर्न फाइल करने का मौका मिलेगा। हालांकि, अलग-अलग आय वर्ग के लिए जुर्माने की रकम अलग होगी।

5 लाख तक की सालाना तनख्वाह वाले लोग 31 दिसंबर तक 1,000 रुपये के जुर्माने के साथ रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

5 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना तनख्वाह वाले 5,000 रुपये की लेट फीस के साथ अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

उन लोगों के टैक्स रिटर्न भरने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा, जिनकी सालाना आय छूट की सीमा से कम है। हालांकि, इसमें एक पेंच है...

नई टैक्स व्यवस्था के तहत 2.5 लाख रुपये से कम आय वालों को आयकर से छूट का प्रावधान है। यानी अगर कोई आयकर प्रदाता सालाना 2.5 लाख रुपये से कम कमाता है, तो उसे आईटी रिटर्न फाइल करने में कोई लेट फीस नहीं देनी होगी।

डेडलाइन से चूके तो और क्या समस्या

अगर 31 जुलाई की डेडलाइन तक उपभोक्ता आयकर रिटर्न फाइल करने से चूक जाते हैं तो उन्हें तय टैक्स (आउटस्टैंडिंग अमाउंट) पर एक फीसदी का ब्याज भी चुकाना होगा। यानी एक अगस्त से टैक्स प्रदाताओं को टैक्स के साथ ब्याज की राशि भी चुकानी पड़ेगी। इतना ही नहीं अगर कोई उपभोक्ता किसी महीने की 5 तारीख या उसके बाद टैक्स रिटर्न फाइल करता है तो उसे पूरे महीने का ब्याज देना पड़ेगा।

क्या होगा अगर 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल करने से चूके

अगर टैक्स प्रदाता 31 दिसंबर की आयकर रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन से भी चूक जाते हैं तो उन्हें अपने वार्ड के इनकम टैक्स कमिश्नर के सामने माफी की अपील देनी होगी। इसके बाद ही उन्हें रिफंड या नुकसान को कैरी फॉरवर्ड करने की इजाजत होगी। इसके लिए विभाग ने एक फॉर्म 'आईटीआर यू' निकाला है, जिसमें उपभोक्ता अपडेट के साथ रिटर्न फाइल कर सकता है। इसमें उसे आय पर देर से कर जमा करने की वजह भी बतानी होगी। जैसे- पहले रिटर्न नहीं भरा गया, आय गलत बताई गई, गलत दर पर कर लगाया गया, आदि।

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