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नई दिल्ली। जीएसटी परिषद ने दिल्ली, गोवा एवं सिक्किम की असहमति के बावजूद ऑनलाइन गेमिंग एवं कसीनो में दांव पर लगाई जाने वाली शुरुआती राशि पर एक अक्टूबर से 28 प्रतिशत कर लगाने का बुधवार को फैसला किया। इस करारोपण के लिए केंद्र सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में ही केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव लेकर आएगी। उसके बाद राज्यों की विधानसभाओं में भी इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी देकर एक अक्टूबर से इसे लागू करने की राह तैयार की जाएगी।
हालांकि जीएसटी परिषद की बैठक में तय किया गया कि ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर जीएसटी लगाने की छह महीने बाद अप्रैल, 2024 में समीक्षा की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि नियमों में किसी बदलाव की जरूरत है या नहीं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी परिषद की 51वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर करारोपण से संबंधित तौर-तरीके तय किए गए। जीएसटी परिषद माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मुद्दों पर निर्णय करने वाली शीर्ष संस्था है।
सीतारमण ने बैठक खत्म होने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम चालू संसद सत्र में ही सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव लेकर आएंगे। एक अक्टूबर से इसे लागू कर दिया जाएगा।" वित्त मंत्री ने कहा, "कर का निर्धारण खिलाड़ी की तरफ से जमा या भुगतान की गई राशि पर आधारित होगा और उससे पिछले गेम से जीती गई राशि को दोबारा दांव पर लगाने को बाहर रखा जाएगा।"
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मान लिया जाए कोई 1,000 रुपये का दांव लगाता है और वह 300 रुपये जीतता है। फिर वही व्यक्ति 1,300 का दांव लगाता है, तब जीएसटी जीती गयी राशि पर नहीं लगेगा। सीतारमण ने कहा कि दिल्ली, गोवा और सिक्कम ने ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर 28 प्रतिशत कर लगाने के फैसले की समीक्षा की मांग की।
हालांकि अन्य राज्यों का समर्थन मिलने के बाद इस फैसले को लागू करने का निर्णय लिया गया। जीएसटी परिषद की पिछले महीने हुई बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगाई जाने वाली पूरी राशि पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का निर्णय लिया गया था।
सीतारमण ने कहा कि दिल्ली के वित्त मंत्री ने ऑनलाइन गेमिंग पर कर लगाने का विरोध किया जबकि गोवा एवं सिक्कम चाहते थे कि कर गेम के सकल राजस्व (जीजीआर) पर लगाया जाए न कि दांव पर लगी पूरी राशि पर लगे।
हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्य चाहते थे कि पिछली बैठक में लिए गए निर्णय को लागू किया जाए। इस मौके पर राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि विदेशी गेमिंग कंपनियों को भी भारत में अपना जीएसटी पंजीकरण कराना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करती हैं तो सरकार सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का इस्तेमाल कर उनकी वेबसाइट प्रतिबंधित कर देगी। मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी कानून में संशोधन कर ऑनलाइन गेमिंग को परिभाषित किया जाएगा।
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Harrison
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