Online food delivery: अमेजन और स्विगी के हाथ मिलाने के दो रास्ते
Online food delivery: ऑनलाइन फूड डिलीवरी: प्लेटफॉर्म स्विगी ने अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर ली है। इसने करीब सवा अरब डॉलर (10,414 करोड़ रुपये) का पब्लिक ऑफरिंग पेश करने के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा कर दिए हैं। यह नए जमाने की इंटरनेट फर्म का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। अब मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन इंडिया ने स्विगी से उसके क्विक कॉमर्स बिजनेस इंस्टामार्ट से जुड़े संभावित सौदे के लिए संपर्क किया है। इस कारोबारी सौदे से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अमेजन और स्विगी के हाथ मिलाने के दो रास्ते हो सकते हैं। अमेजन की नजर आगामी आईपीओ में हिस्सेदारी खरीदने या इंस्टामार्ट में शेयर खरीदने पर है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि अमेजन के लिए दोनों ही रास्ते आसान नहीं होंगे। कंपनी की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि स्विगी सिर्फ अपना क्विक कॉमर्स बिजनेस बेचना चाहती है, जबकि अमेजन कंपनी के फूड डिलीवरी बिजनेस को खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, स्विगी का अधिग्रहण acquisition करना अमेज़न के लिए मुश्किल काम होगा क्योंकि स्विगी की कीमत 10-12 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपये) है। दूसरी ओर, अमेज़न कथित तौर पर स्विगी के न्यूनतम शेयर खरीदने में दिलचस्पी नहीं रखता है। वर्तमान में स्विगी का मुकाबला ज़ोमैटो से है, जिसका बाजार मूल्य दोगुना यानी 1.9 लाख करोड़ रुपये है। स्विगी और ज़ोमैटो दोनों ने अभी तक अपने क्विक कॉमर्स वर्टिकल का अलग-अलग मूल्यांकन नहीं किया है। गोल्डमैन सैक्स Goldman Sachs ने हाल ही में कहा कि ज़ोमैटो की क्विक कॉमर्स यूनिट ब्लिंकिट का मूल्यांकन लगभग 13 बिलियन डॉलर (करीब 1.06 लाख करोड़ रुपये) है। हालांकि, स्विगी का मूल्यांकन अभी तक ज्ञात नहीं है। क्विक कॉमर्स बिजनेस क्या है? क्विक कॉमर्स ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए बाजार में नई प्रतिस्पर्धा ला दी है। कंपनियां अब तेज़ डिलीवरी पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इसी कड़ी में, स्विगी ने इंस्टामार्ट लॉन्च किया जबकि ज़ोमैटो ने क्विक कॉमर्स बिजनेस का हिस्सा बनने के लिए ब्लिंकिट को बाजार में उतारा। वहीं, मुंबई स्थित स्टार्ट-अप ज़ेप्टो इस कारोबार में इन दोनों को टक्कर दे रहा है। फ्लिपकार्ट भी अपने कारोबार को बढ़ाने पर विचार कर रहा है और इसके लिए कंपनी को अपनी मूल कंपनी वॉलमार्ट से एक बिलियन डॉलर (करीब 8,300 करोड़ रुपये) का फंड मिला है। कंपनी फ्लिपकार्ट मिनट्स के नाम से अपना नया कारोबार शुरू करने जा रही है।