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प्याज का भाव गिरा, चेक करे ताजा रेट

Nilmani Pal
5 March 2022 12:37 PM GMT
प्याज का भाव गिरा, चेक करे ताजा रेट
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दिल्ली। महाराष्ट्र की नासिक लासलगांव मंडी (Nashik Lasalgaon Market) में प्यार के भाव (Onion Price) में जबर्दस्त गिरावट आई है. पिछले आठ दिनों में प्याज की आवक बढ़ने की वजह से लाल प्याज का भाव 764 रुपए तक गिर गया है. गर्मियों में होने वाले नए प्याज का भाव भी 630 रुपए तक गिर गया है. इसकी दो वजहें सामने आ रही हैं. एक तो मंडी में मांग से ज्यादा प्याज की आवक बढ़ गई है. दूसरी तरफ रशिया-यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध की वजह से निर्यात में भी मुश्किलें सामने आ रही हैं. अचानक इतनी तेजी से गिरावट आने की वजह से प्याज उत्पादकों को 11 करोड़ 72 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं.

धीरे-धीरे गर्मी बढ़ने की वजह से मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर लाल प्याज की आवक बढ़ गई है. इसके साथ ही गर्मियों में होने वाले नए प्याज की आवक शुरू हो जाने से बाजार में मांग से ज्यादा प्याज आ गया है. 26 फरवरी को लाल प्याज थोक मार्केट में 2625 रुपए क्विंटल के भाव से बेचा जा रहा था. 5 मार्च शनिवार तक आते-आते यह भाव गिर कर 1861 रुपए क्विंटल तक आ गया. यानी इन आठ दिनों में प्याज के भाव में प्रति क्विंटल 764 रुपए की गिरावट दर्ज की गई.

26 फरवरी को ही गर्मियों में होने वाले नए प्याज की बात करें तो इसका भाव 2430 रुपए प्रति क्विंटल था जो 5 मार्च, शनिवार तक गिर कर 1800 रुपए क्विंटल हो गया. यानी पिछले आठ दिनों में लाल प्याज में 764 रुपए की गिरावट आई तो गर्मियों में होने वाले प्याज में 630 रुपए की गिरावट आई. महाराष्ट्र के नासिक की लासलगांव बाजार समिति में पिछले आठ दिनों में लाल प्याज की 1 लाख 41 हजार 969 क्विंटल आवक हुई. प्याज की दर में 764 रुपए की गिरावट आने से 10 करोड़ 84 लाख 64 हजार 316 रुपए का नुकसान पहुंच रहा है. वहीं नए प्याज की 2 हजार 552 क्विंटल आवक हुई है और इसकी दर में 630 रुपए की गिरावट होने की वजह से 16 लाख 7 हजार 760 रुपए का नुकसान हुआ है. नासिक जिले में लासलगांव समेत प्याज की 17 बाजार समितियों में कुल 80 से 100 करोड़ का नुकसान हुआ है.

खरीफ की फसल के लाल प्याज का स्टॉक खत्म भी नहीं हुआ था कि नए प्याज की आवक शुरू हो गई. इससे प्याज का भाव पूरी तरह से गिर गया. प्याज निर्यात को लेकर किसानों की मांग है कि केंद्र कोई स्पष्ट योजना सामने लाए, जिससे किसान और व्यापारी नुकसान की भरपाई कर पाएं।


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