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विदेशी बाजारों में तेल तिलहन बाजार में टूटे भाव, क्या अब भारत में भी सस्ता होगा सरसों का तेल?

Neha Dani
22 May 2021 7:57 AM GMT
विदेशी बाजारों में तेल तिलहन बाजार में टूटे भाव, क्या अब भारत में भी सस्ता होगा सरसों का तेल?
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सोयाबीन लूज 7,600 – 7,650 रुपये

विदेशी बाजारों में मंदी के रुख के बीच स्थानीय तेल तिलहन बाजार में शुक्रवार को सोयाबीन, बिनौला, पाम और पामोलिन तेल कीमतों में गिरावट देखी गई और इन तेलों के भाव हानि दर्शाते बंद हुए जबकि बाकी अन्य तेलों के भाव पूर्ववत रहे. वहीं सरसों की बात करें तो किसान इसे कम दाम में नहीं बेच रहे लेकिन वायदा कारोबार में भाव नीचे गया है. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ सयम तक सरसों तेल की बढ़ी कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है.

बाजार सूत्रों का कहना है कि अमेरिका के शिकागो और मलेशिया एक्सचेंज में से क्रमश: 1-1.5 प्रतिशत और तीन प्रतिशत की गिरावट रही. इस गिरावट का असर स्थानीय कारोबार पर भी हुआ और लगभग सभी तेल तिलहन कीमतों में गिरावट देखने को मिली.
बाजार में नहीं घटे सरसों के भाव
सूत्रों ने कहा कि किसान कम दाम पर सरसों फसल, मंडी में नहीं बेच रहे हैं. हाजिर बाजार में सरसों के भाव नहीं टूटे हैं बल्कि वायदा कारोबार में इसके भाव नीचे चल रहे हैं. मिलावट से मुक्त होने और आयातित तेलों से सस्ता होने की वजह से सरसों की मांग है जिसकी वजह से इसके तेल तिलहनों के भाव पूर्ववत बने रहे. अभी कुछ दिनों तक सरसों तेल की कीमतों में राहत की उम्मीद नहीं है. उन्होंने बताया कि मुर्गीदाने की डीओसी की निर्यात के साथ साथ घरेलू मांग के कारण सोयाबीन तिलहन के भाव पूर्ववत बंद हुए जबकि स्थानीय मांग कमजोर होने के कारण सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट रही.
सोयाबीन बीज के भाव बढ़े
सूत्रों ने कहा कि पिछले साल बरसात के कारण सोयाबीन की लगभग 10-20 प्रतिशत फसल दागी हैं और यही वजह है कि सोयाबीन की बुवाई के लिए अच्छे बीज की कमी हो रही है. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में सोयाबीन बीज का भाव 8,000 रुपये क्विन्टल तक बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि सोयाबीन की अच्छी पैदावार को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में सोयाबीन बीज की व्यवस्था करने की जरुरत है. इस बीच अफ्रीकी देश मोजांबिक ने सोयाबीन दाना (बीज) के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है जिससे भारत जैसे देश में, बीज के लिए बहतर सोयाबीन दाना की किल्लत हो सकती है.
मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट की वजह से कच्चा पॉम तेल (सीपीओ), पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला की कीमतें क्रमश: 200 रुपये, 250 रुपये और 200 रुपये क्विंटल गिरावट में रहे. सूत्रों ने आयात शुल्क कम होने की अफवाहें फैलाने वालों पर सख्ती बरते जाने की मांग की है जिन अफवाहों से तेल उद्योग और किसानों को नुकसान होता है और विदेशों में इन तेलों के भाव बढ़ा दिए जाते हैं.
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे
सरसों तिलहन – 7,350 – 7,400 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये.
मूंगफली दाना – 6,170 – 6,215 रुपये.
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,200 रुपये.
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,435 – 2,485 रुपये प्रति टिन.
सरसों तेल दादरी- 14,500 रुपये प्रति क्विंटल.
सरसों पक्की घानी- 2,315 -2,365 रुपये प्रति टिन.
सरसों कच्ची घानी- 2,415 – 2,515 रुपये प्रति टिन.
तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,000 – 18,500 रुपये.
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,600 रुपये.
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,300 रुपये.
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,050 रुपये.
सीपीओ एक्स-कांडला- 12,300 रुपये.
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,550 रुपये.
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,100 रुपये.
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,100 (बिना जीएसटी के)
सोयाबीन दाना 7,700 – 7,800, सोयाबीन लूज 7,600 – 7,650 रुपये
मक्का खल 3,800 रुपये


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