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भारत अपनी 60 प्रतिशत से अधिक तेल की मांग को आयात से पूरा करता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति बाधित होने की चिंताओं के बीच राहत देने वाली खबर आई है. खाद्य तेल उद्योग (Edible Oil Industry) की तरफ से सरकार को आश्वस्त किया गया है कि अगले दो महीनों के लिए सूरजमुखी और अन्य खाद्य तेलों की सप्लाई बाधित न हो, इसे सुनिश्चित करेगी. सूत्रों की तरफ से यह जानकारी दी गई.
तेल के रेट में गिरावट के बारे में जानकारी दी
आपको बता दें भारत, यूक्रेन से बड़ी मात्रा में सूरजमुखी तेल इम्पोर्ट करता है. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सूरजमुखी के तेल और अन्य Edible Oil की आपूर्ति के हालात की समीक्षा की गई. उद्योग की तरफ से पिछले कुछ दिनों में खाद्य तेल के रेट में गिरावट के रुख के बारे में भी मंत्रालय को जानकारी दी.
तेल की कीमत में आ सकती है गिरावट
उन्होंने कहा सरसों की नई फसल आने से तेल की फुटकर कीमत में गिरावट आ सकती है. सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान, खाद्यतेल उद्योग को बताया गया कि सूरजमुखी के तेल की कमी नहीं है. मार्च डिलिवरी के लिए 1.5 लाख टन सूरजमुखी के तेल की पहली खेप युद्ध से पहले ही यूक्रेन से भेजी गई थी और जल्द ही आने की उम्मीद है.'
हर महीने 18 लाख टन तेल की खपत
देश में हर महीने 18 लाख टन खाने के तेल की खपत होती है. इसमें सूरजमुखी के तेल का हिस्सा 1.5-2 लाख टन है. सूत्रों ने कहा कि उद्योग ने मंत्रालय को यह भी बताया कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि देश में सरसों और सोयाबीन के तेल के रूप में सूरजमुखी के तेल के विकल्प मौजूद हैं. सूत्रों ने कहा कि करीब 11 लाख टन सरसों की नई फसल आने से दो-तीन महीने में आपूर्ति में सुधार होगा. भारत अपनी 60 प्रतिशत से अधिक तेल की मांग को आयात से पूरा करता है.
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