ओडीशा के स्टूडेंट ने बनाया सबसे छोटा फ्रिज, दर्ज हुआ इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ओडीशा के भद्रक जिले के सालापुर क्षेत्र में रहने वाले कमल किशोर माझी ने देश का अब तक का सबसे छोटा फ्रिज बनाया है और इसके लिए उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में भी दर्ज किया गया है. आपको बता दें कि कमल बी.टेक के दूसरे वर्ष के छात्र हैं और इससे पहले भी कई सारे इलेक्ट्रॉनिक आइटमों को बना चुके हैं. आइए देश के इस सबसे छोटे फ्रिज के बारे में जानते हैं.
देश का सबसे छोटा फ्रिज
कमल ने इस फ्रिज को एल्युमिनियम शीट, ब्रशलेस कूलिंग फैन, हीट सिंक, थर्मो-इलेक्ट्रिकल मॉडल, सेफ्टी ग्रिल, 12V की DC मोटर, सॉकेट्स और एलईडी से बनाया है. इसे देश के सबसे छोटा फ्रिज का खिताब दिया गया है क्योंकि यह केवल 12.7cm लंबा है, 10.3cm चौड़ा है और 20.5cm ऊंचा है.
इसे बनाने के पीछे का कारण
कमल से जब यह पूछा गया कि उन्होंने क्या सोचकर इस फ्रिज को बनाया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने इसके बारे में कोविड के दौरान सोचा था जिससे वैक्सीन, इन्जेक्शन्स, दवाइयां और बाकी मेडिकल सामान को एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाया जा सके. इन सभी चीजों को इस्तेमाल करने के लिए या फिर स्टोर करने के लिए फ्रिज की जरूरत पड़ती है और आम तौर पर ये फ्रिज काफी महंगे होते हैं. यही कारण है कि कमल ने एक ऐसा फ्रिज बनाया जो छोटा भी हो और बहुत महंगा भी न हो.
इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हुआ नाम
साथ ही, कमल यह भी कहते हैं कि उन्होंने यह फ्रिज अपनी क्रीऐटिवटी को उड़ान देने के लिए बनाया और उनका यह भी उद्देश्य था कि उनका नाम पर एक रिकार्ड दर्ज हो सके. आपको बता दें कि कमल का यह सपना पूरा हो गया क्योंकि उनका फ्रिज भारत का सबसे छोटा फ्रिज माना गया है और इसलिए कमल किशोर माझी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है.
इस पर केवल 1,000-1,500 रुपये का खर्चा होगा
इस फ्रिज की दूसरी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केवल 1500 रुपये के निवेश में बनकर तैयार हो गया है और अब जो कोई भी इसे खरीदेगा उसे केवल 1,000-1,500 रुपये का खर्चा करना होगा.
साथ ही, यह उन लोगों के लिए भी काफी अच्छा है जो गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यह सस्ता है और साथ ही, ये साधारण बैटरी पर चल सकता है जिससे इन लोगों के लिए इस फ्रिज इस्तेमाल करना आसान हो जाएगा.