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क्यूआर कोड को स्कैन कर अब कर सकते हैं इलाज

Apurva Srivastav
3 Oct 2023 1:02 PM GMT
क्यूआर कोड को स्कैन कर अब कर सकते हैं इलाज
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और केंद्र सरकार के द्वारा गरीब और जरूरतमंदों के लिए महत्वकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भव की शुरूआत की गयी है. इस योजना का तीसरा चरण शुरू कर दिया गया है. केंद्र सरकार के द्वारा इस योजना के तीसरे चरण में कार्ड बनाने की प्रक्रिया को पहले से काफी ज्यादा आसान कर दिया गया है. सरकार की कोशिश है कि इस योजना से ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों को जोड़ा जाए और उन्हें स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाए. इसके लिए सरकार ने आयुष्मान मोबाइल एप के साथ क्यूआर कोर्ड भी लांच किया है. इस क्यूआर कोर्ड को स्कैन करते ही, आवेदक सीधे सरकारी पोर्ट पर जा सकता है. beneficiary.nha.gov.in पोर्टल पर पहुंचकर सीधे आवेदन किया जा सकता है. लाभुक को किसी परेशानी में नहीं फंसना पड़े इसके लिए अब सरकार के द्वारा रजिस्ट्रेशन के दौरान सेल्फ वेरीफिकेशन मोड की शुरूआत कर दी है. जहां लाभुक आवेदक को OTP, आइरिस और फिंगरप्रिंट और फेस-आधारित वेरीफिकेशन विकल्प दिया जाता है.
कैसे काम करेगा क्यूआर कोड
आदेवन करने का इच्छुक व्यक्ति अपने मोबाइल से क्यूआर कोर्ड को स्कैन करेगा. उसके स्कैन करते ही, मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से आयुष्मान भारत एप डाउनलोड हो जाएगा. एप में बेनीफिशरी विकल्प को चुनिए. इसके बाद, अपना मोबाइल नंबर डालकर वेरिफाई पर क्लिक करें. आपके पास एक ओटीपी आएगा. इसको डालकर ओके दबाएं. इसके बाद, यहां लाभुक अपने सफेद राशन कार्ड के मुखिया नाम डालकर खोजे या उसका आधार कार्ड नंबर भी डाल सकते हैं. उसके बाद आवेदन की प्रक्रिया को पूरा करें. एक बात ध्यान देने की ये है कि सफेद राशन कार्ड में अगर छह लोग हैं तो छह अलग-अलग कार्ड बनेगा. इन्हें मोबाइल में डाउनलोड किया जा सकता है. हर व्यक्ति को पांच-पांच लाख रुपये का मु्फ्त इलाज मिलेगा. आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाने या किसी दिक्कत की स्थिति में केंद्र और राज्य स्तरीय दो हेल्पलाइन भी मदद के लिए उपलब्ध हैं. कोई भी व्यकित मदद के लिए नेशनल हेल्थ मिशन के हेल्पलाइन नंबर 180018004444 पर काल कर सकते हैं. इसके अलावा राज्य स्तरीय हेल्पलाइन भी डायल किया जा सकता है.
कार्ड बनाने में इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आपको कहीं दौड़ भाग करने की जरूरत नहीं है. कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले एप में मोबाइल नंबर के माध्यम से लॉगइन करें. इसके बाद, आप ओटीपी, आइरिस और फिंगरप्रिंट और फेस-आधारित वेरीफिकेशन की मदद से रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को पूरा करें. कार्ड बनाने के लिए आपके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, पैन कार्ड आदि दस्तावेजों का होना जरूरी है. इसके बाद सरकार के द्वारा आपके द्वारा भेजा गया रिक्वेस्ट वेरिफाई किया जाएगा. इसके आधार पर आपका नाम आयुष्मान से जोड़ दिया जाएगा. हालांकि, आयुष्मान कार्ड के लिए अप्लाई करने से पहले सरकार की वेबसाइट पर जाकर चेक कर लेना चाहिए की आप योजना में शामिल होने के पात्र है या नहीं है.
कौन-कौन सी बीमारियां होंगी कवर
केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गयी इस योजना के तहत लगभग हर तरह की बीमारियों को कवर किया जाता है. इसमें कार्ड बनने से पहले की पुरानी बीमारी का भी इलाज कराया जा सकता है. साथ ही, बीमारी के कारण एडमिट होने से पहले और बाद के खर्च को भी कवर किया जाता है. योजना के तहत मेडिकल जांच, ऑपरेशन, इलाज, ट्रांसपोर्ट पर होने वाला खर्च, आदि को कवर किया जाता है. योजना की पात्रता की जांच करने के लिए 14555 पर काल कर सकते हैं. इसके अलावा, pmjay.gov.in पर भी अपनी पात्रता चेक कर सकते हैं. अब तक साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा लोग अपना इलाज करा चुके हैं.
क्या है आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य है गरीब और जरूरतमंद वर्गों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाओं का लाभ प्रदान करना. यह योजना वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा 2018 के बजट में घोषित की गई थी. इस योजना के तहत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के उपक्रम में देशभर में गरीब और जरूरतमंद वर्गों को 5 लाख रुपये तक की चिकित्सा भत्ता की सुविधा प्रदान की जाती है. इस योजना में केवल विश्वसनीय और निदानशील चिकित्सा अस्पतालों को (Empanelled Hospitals) जोड़ा जाता है. इसके तहत, लाभार्थी को विभिन्न तरह की चिकित्सा सेवाएं जैसे बच्चों की चिकित्सा, मां का स्वास्थ्य, जनरल चिकित्सा, अस्थि तंत्र चिकित्सा, विशेषज्ञ चिकित्सा, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी आदि का लाभ प्रदान किया जाता है. यह योजना भारत सरकार की निगमित बीमा कंपनियों के माध्यम से चलाई जाती है, जो योजना के लाभार्थियों की चिकित्सा खर्चों को सहायता करती हैं. यह योजना भारत सरकार का प्रयास है ताकि गरीब और जरूरतमंद वर्गों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ हो सके और उनके स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सके.
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