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सरकार ने दो देशों मलावी और म्यंमार के साथ दाल के आयत के लिए साझा करार भी किए हैं.
आजकल ईंधन से लेकर राशन तक हर चीज महंगी होती जा रही है. पेट्रोल जहां 100 के पार पहुंच गया है. वहीं दाल की कीमतें भी आसमान छू रही हैं. अब स्नैक्स के शौकीन के लिए बुरी खबर है. दरअसल अब चिप्ट का पैकेट, नमकीन काजू और दूसरे नमकीन महंगे होने वाले हैं. इन पर 12% जीएसटी लगेगा. यह निर्णय केरल अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) ने लिया है. अथॉरिटी के अनुसार अनब्रांडेड चिप्स और नमकीन पर भी ये जीएसटी नियम लागू होगा.
अथॉरिटी के इस फैसले को लेकर पलक्कड़ के रहने वाले एक चिप्स निर्माता ने चुनौती दी थी. आवेदक का कहना था कि उनकी कंपनी विभिन्न प्रकार के चिप्स बिना ब्रांड के बेचती है. इसके अलावा हलवा और नमकीन मूंगफली और काजू भी बेचे जाते हैं. उन्होंने तर्क दिया कि इन उत्पादों को 'नमकीन' के रूप में वर्गीकृत किया गया है और इन पर केवल 5% जीएसटी लगता है. आवेदक की इस बात पर एएआर ने कहा कि हलवे पर 5% कर लगेगा, जबकि दूसरे उत्पादों पर 12% कर लगेगा.
दाल की कीमतों पर नियंत्रण का प्लान
देश में दाल की कीमतों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इस पर काबू करने के लिए सरकार ने विदेशों से दालों के आयात के लिए कॉन्ट्रैक्ट किए हैं. इसके अलावा सरकार ने व्यापारियों से अपने स्टॉक घोषित करने को कहा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 4200 व्यापारियों और मीलों ने अपना स्टॉक घोषित किया है. अभी देश में लगभग 15 लाख टन दाल का स्टॉक है. कीमतों में इजाफा और न हो इसलिए सरकार बाहर से दाल के आयत के लिए पूरी कोशिश कर रही है जिससे स्टॉक भरा रहे. सरकार ने दो देशों मलावी और म्यंमार के साथ दाल के आयत के लिए साझा करार भी किए हैं.
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