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अब जुलाई महीने में भी लगा तगड़ा झटका, 20 साल से पीछे मुड़कर नहीं देख रहा था चीन

Admin4
31 July 2022 3:06 PM GMT
अब जुलाई महीने में भी लगा तगड़ा झटका, 20 साल से पीछे मुड़कर नहीं देख रहा था चीन
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न्यूज़ क्रेडिट; आजतक 

चीन (China) में कोविड-19 महामारी का असर साफ दिखाई दे रहा है. संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद देश के कई प्रमुख विनिर्माण केंद्रों में लॉकडाउन (Lockdown) लगाने का फैसला किया गया. हालांकि लंबे समय बाद प्रतिबंध हटाए जरूर गए, लेकिन इनके हटने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आया है. इसके चलते जुलाई के महीने में भी विनिर्माण गतिविधियां (Manufacturing Activities) जोर नहीं पकड़ पाईं.

जुलाई में विनिर्माण गतिविधियां सुस्त

एक सर्वे रिपोर्ट से चीन के विनिर्माण परिदृश्य (Manufacturing Outlook) के बारे में असंतोषजनक स्थिति सामने आई है. चीन की सरकारी सांख्यिकी एजेंसी और उद्योग समूह चाइना फेडरेशन ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड पर्चेजिंग की इस रिपोर्ट को देखें, तो वैश्विक मांग (Global Demand) में आई गिरावट और वायरस के प्रसार पर नियंत्रण के लिए बरती गई सख्ती से जुलाई में विनिर्माण गतिविधियां सुस्त रहीं.

जून की तुलना में पीएमआई 49 पर आया

पीटीआई के मुताबिक, चीन का मासिक खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) जून के 50.2 की तुलना में गिरकर जुलाई महीने में 49 के स्तर पर आ गया है. गौरतलब है कि पीएमआई का आंकड़ा 50 से नीचे आना विनिर्माण गतिविधि में गिरावट का संकेत माना जाता है. जबकि इसका 50 से ऊपर रहना गतिविधियों में विस्तार को प्रदर्शित करता है.

Economy के लिए बड़ा झटका

इसके अलावा नए ऑर्डर की संख्या, निर्यात और रोजगार के मोर्चे पर भी विनिर्माण क्षेत्र की रफ्तार सुस्त पड़ती नजर आ रही है. दुनिया के विनिर्माण केंद्र के रूप में पिछले 20 साल में उभरकर सामने आई चीन की अर्थव्यवस्था (China Economy) के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है. रिपोर्ट में अर्थशास्त्री झांग लिकुन ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र पर जबर्दस्त दबाव है. महामारी का असर अब भी नजर आ रहा है.

रोजगार कम होने की आशंका

झांग लिकुन ने कहा है कि विनिर्माण गतिविधियां कम होने का सीधा असर रोजगार अवसरों में कटौती के रूप में सामने आ सकता है. विनिर्माण गतिविधियां सुस्त पड़ने से सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी इस साल के 5.5 प्रतिशत के आर्थिक वृद्धि लक्ष्य के बारे में बात करना बंद कर दिया है. अब वे किसी ठोस आंकड़े के बजाय अधिकतम संभव परिणाम हासिल करने की ही बात कर रहे हैं.

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