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अब रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी भूलिए, इन्हीं लोगों के खाते में वापस आएंगे 200 रुपए

Bhumika Sahu
3 Jun 2022 11:53 AM GMT
अब रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी भूलिए, इन्हीं लोगों के खाते में वापस आएंगे 200 रुपए
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सरकार सिर्फ उज्जवला योजना से मिले गैसे सिलेंडर पर ही 200 रुपए की सब्सिडी देगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्ली। महंगाई की मार से परेशान लोगों के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक बुरी खबर दी गई है। पेट्रोल और डीजल की बड़ी कीमत से थोड़ी राहत देकर सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर से सब्सिडी खत्म कर दी है। पिछले काफी समय से सरकार रसोई गैस पर सब्सिडी घटा रही थी, लेकिन अब इसे पूरी तरह से खत्म करने का फैसला ले लिया गया है। सरकार सिर्फ उज्जवला योजना से मिले गैसे सिलेंडर पर ही 200 रुपए की सब्सिडी देगी।

तेल सचिव पंकज जैन ने कहा है कि एलपीजी सब्सिडी केवल सीमित लाभार्थियों के लिए उपलब्ध है। बाकी उपयोगकर्ताओं को बाजार मूल्य का भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि जून 2020 से रसोई गैस पर कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है। केवल वही सब्सिडी दी जाती है, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मार्च में की थी।
एलपीजी सब्सिडी किसे मिलेगी?
रसोई गैस पर एलपीजी सब्सिडी केवल नौ करोड़ गरीब महिलाओं और अन्य लाभार्थियों के लिए उपलब्ध है, जिन्हें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त कनेक्शन मिला है। पंकज जैन ने कहा कि कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों से एलपीजी उपयोगकर्ताओं के लिए कोई सब्सिडी नहीं थी। तब से केवल वही सब्सिडी है जो अब उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए पेश की गई थी।
हाल ही में सब्सिडी के फैसले की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा था कि हम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के नौ करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति गैस सिलेंडर (12 सिलेंडर तक) 200 रुपए की सब्सिडी देंगे। इससे हमारी माताओं और बहनों को मदद मिलेगी। इससे सालाना करीब 6,100 करोड़ रुपए का राजस्व प्रभावित होगा।
2016 में शुरू हुई थी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना?
बता दें कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना मई 2016 में शुरू हुई थी। इसे ग्रामीण और वंचित परिवारों के लिए रसोई गैस जैसे स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। ये महिलाएं पहले खाना पकाने के लिए लकड़ी, कोयला या गोबर के उपले का इस्तेमाल करतीं थीं। इसके चलते महिलाओं के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा था।


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