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उपभोक्ताओं और कुछ छोटे रिटेलरों की ओर से ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अपनाए जाने वाले व्यवहार को लेकर कुछ शिकायतें आई हैं
ई-कॉमर्स (e-commerce) प्लेटफॉर्म पर छोटे विक्रेताओं को बराबर प्राथमिकता दिलाने के लिए सरकार ई-कॉमर्स पॉलिसी में बदलाव करेगी. इसके लिए सरकार ड्रॉफ्ट तैयार कर रही है. सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं के साथ समान व्यवहार करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहती है. बड़ी ऑनलाइन कंपनियों के बिजनेस प्रैक्टिस के खिलाफ आलोचना के बाद सरकार ने ई-कॉमर्स पॉलिसी में बदलाव करने का फैसला किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ताओं और कुछ छोटे रिटेलरों की ओर से ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अपनाए जाने वाले व्यवहार को लेकर कुछ शिकायतें आई हैं. भारत कई महीनों से एक नई ई-कॉमर्स पॉलिसी पर विचार-विमर्श कर रहा है. छोटे विक्रेताओं ने बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे फ्लिपकार्ट (Flipkart) और एमेजॉन (Amazon) के खिलाफ फेडरल रेग्युलेशंस का उल्लंघन करने का आरोप लगाते आएं हैं, हालांकि कंपनियों ने इन आरोपों से इनकार किया है.
पिछले महीने एक रॉयटर्स की विशेष रिपोर्ट में पता चला है कि एमेजॉन ने सालों से अपने भारतीय प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं के एक छोटे समूह को तरजीह दी है और देश के एडीआई नियमों को दरकिनार करने के लिए उनका उपयोग किया है.
एल्गोरिदम पक्षपातपूर्ण नहीं हो
नवीनतम पॉलिसी दस्तावेजों के मुताबिक, ऑपरेटरों को विक्रेताओं के साथ व्यवहार उनका व्यवहार में निष्पक्ष होना चाहिए. इसमें कहा गया है कि ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को अपने प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत सभी विक्रेताओं / विक्रेताओं के समान उपचार सुनिश्चित करना चाहिए और और उन एल्गोरिदम को नहीं अपनाना चाहिए, जो चुनिंदा विक्रेताओं / विक्रेताओं को प्राथमिकता देते हैं.
बता दें कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले महीने कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर कुछ स्पष्टीकरण जारी करने की तैयारी कर रही है, ताकि ई-कॉमर्स क्षेत्र कानून और नियमों के तहत काम कर सके. कैट समय-समय पर ई-कॉमर्स कंपनियों पर विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) और एफडीआई नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाता रहा है.
DPIIT ने उद्योग, व्यापार संगठनों के साथ बैठक बुलाई
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मुद्दे पर इसी महीने उद्योग और व्यापारिक संगठनों के साथ बैठक करेगा. इस मुद्दे पर व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के साथ बैठक 17 मार्च को कही. वही उद्योग संगठनों के साथ बैठक 19 मार्च को बुलाई गई है. इसके अलावा 22 मार्च से क्षेत्र से संबंधित मंत्रालयों तथा कंपनियों के साथ बैठक की जाएगी.
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