![अब ग्राहकों को FD पर मिलेगा ज्यादा रिटर्न अब ग्राहकों को FD पर मिलेगा ज्यादा रिटर्न](https://jantaserishta.com/h-upload/2024/07/17/3875330-i23.webp)
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Fixed Deposit: अब ग्राहकों को FD पर मिलेगा ज्यादा रिटर्नबैंक लगातार फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज बढ़ा रहे हैं। इसमें पीएसयू बैंक भी पीछे नहीं हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 'अमृत वृष्टि' नाम से एक नई स्कीम लॉन्च की है। यह स्कीम 15 जुलाई 2024 से लागू हो गई है। वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा ने स्पेशल मानसून स्कीम के जरिए डिपॉजिट दरें बढ़ा दी हैं। इस महीने की शुरुआत में दो प्राइवेट बैंकों ICICI और एक्सिस बैंक ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट दरों में बढ़ोतरी की थी। SBI की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 444 दिन के निवेश पर आप 7.25 फीसदी तक सालाना ब्याज कमा सकते हैं। इतना ही नहीं, वरिष्ठ नागरिकों को 0.50 फीसदी का अतिरिक्त ब्याज भी मिलेगा। इस टर्म डिपॉजिट स्कीम पर वरिष्ठ नागरिकों को 7.75 फीसदी ब्याज मिलेगा। यह योजना भारतीय और NRI दोनों ग्राहकों के लिए है। इसे SBI ब्रांच, इंटरनेट बैंकिंग और YONO ऐप से खोला जा सकता है। SBI की अमृत वृष्टि स्कीम 31 मार्च 2025 तक उपलब्ध रहेगी। वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, ग्राहकों को 399 दिन की जमा पर 7.25% और 333 दिन की जमा पर 7.15% ब्याज की पेशकश की गई। वरिष्ठ नागरिकों को 0.50% की अतिरिक्त ब्याज दर मिलेगी। 399 दिन के लिए यह 7.75% और 333 दिन के लिए 7.65% होगी।
बैंक ग्राहकों की सुनें- Banks should listen to customers
इस बीच, आरबीआई (RBI) ने डिफॉल्टर पर धोखाधड़ी घोषित करने के नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। कोई भी व्यक्ति जो बैंक से कर्ज लेता है और समय पर उसका भुगतान नहीं करता है, उसे डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है। आरबीआई के निर्देशानुसार कोई भी बैंक बिना सुनवाई के किसी डिफॉल्टर को धोखाधड़ी की श्रेणी में शामिल नहीं कर सकता। आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी (NBFCs) के लिए धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर मास्टर निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें कर्जदार को दोषी घोषित करने से पहले उसे 21 दिन का कारण बताओ नोटिस भेजना होगा।
आरबीआइ ने साफ कर दिया है कि बिना सुनवाई के कोई भी बैंक किसी व्यक्ति को धोखाधड़ी की श्रेणी में शामिल नहीं कर सकता। किसी को डिफॉल्टर (defaulter) घोषित करने से पहले आपको अपनी बात रखने का भी मौका मिलना चाहिए। आपकी दलीलें सुनी जानी चाहिए और मकसद का पता लगाने के बाद ही इसे धोखाधड़ी की श्रेणी में रखा जा सकता है। नए सर्कुलर के मुताबिक धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए डेटा एनालिसिस का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही किसी कंपनी या व्यक्ति से जुड़ी धोखाधड़ी घोषित करने से पहले न्याय के सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 27 मार्च 2023 के फैसले को ध्यान में रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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Apurva Srivastav
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