आरबीआई स्वच्छ नोट नीति। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अक्सर ग्राहकों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए नए अपडेट्स देता रहता है। साथ ही उन्हें सतर्क भी करता रहता है। आज कल शादियों का सीजन चल रहा है। जहां लोगों नोटों का भरपूर इस्तेमाल भी करते हैं। कई क्षेत्रों में तो दूल्हे को नोटों की माला पहनाने की परंपरा भी है। वहीं कुछ लोग गाड़ियों और पंडाल की सजावट में भी नोटों का इस्तेमाल रहते हैं। जो आरबीआई के मुताबिक गलत काम होता है। साथ ही ऐसा ना करने की सलाह भी देता है।
ये है आरबीआई की खास पॉलिसी
अक्सर देखा गया है कि शादी में दूल्हे को हजारों और लाखों रुपये के नोटों की माला पहनाई जाती है। नॉर्थ इंडिया में यह काफी आम बात होती है। इन मालाओं में 100, 200 और 500 के नोट पाए जाते हैं। खबरों में भी इससे जुड़े कई अपराध के मामले भी सामने आ चुके हैं। आरबीआई के क्लीन नोट पॉलिसी के मुताबिक बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की धारा 35ए के तहत करेंसी का इस्तेमाल केवल लेन-देन में करना चाहिए हैं। सजावट के लिए इसका इस्तेमाल करने पर रोक होती है। इसके अलावा नोटों की उम्र भी घटती है।
होगा नुकसान
करेंसी की बचत के लिए केन्द्रीय बैंक बार-बार लोगों के शादियों में नोटों को ना उड़ाने और इसका गलत इस्तेमाल ना करने की अपील करता रहता है। हालांकि हैरल की बात यह है कि भारत में इस हरकत के लिए दंड के कोई प्रवधान नहीं है। हालांकि ऐसे में ग्राहकों का घाटा ही होता है। क्योंकि अक्सर ऐसी स्थितियों में नोटों की गुणवत्ता खराब हो जाती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अक्सर ग्राहकों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए नए अपडेट्स देता रहता है। साथ ही उन्हें सतर्क भी करता रहता है। आज कल शादियों का सीजन चल रहा है। जहां लोगों नोटों का भरपूर इस्तेमाल भी करते हैं। कई क्षेत्रों में तो दूल्हे को नोटों की माला पहनाने की परंपरा भी है। वहीं कुछ लोग गाड़ियों और पंडाल की सजावट में भी नोटों का इस्तेमाल रहते हैं। जो आरबीआई के मुताबिक गलत काम होता है। साथ ही ऐसा ना करने की सलाह भी देता है।
ये है आरबीआई की खास पॉलिसी
अक्सर देखा गया है कि शादी में दूल्हे को हजारों और लाखों रुपये के नोटों की माला पहनाई जाती है। नॉर्थ इंडिया में यह काफी आम बात होती है। इन मालाओं में 100, 200 और 500 के नोट पाए जाते हैं। खबरों में भी इससे जुड़े कई अपराध के मामले भी सामने आ चुके हैं। आरबीआई के क्लीन नोट पॉलिसी के मुताबिक बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की धारा 35ए के तहत करेंसी का इस्तेमाल केवल लेन-देन में करना चाहिए हैं। सजावट के लिए इसका इस्तेमाल करने पर रोक होती है। इसके अलावा नोटों की उम्र भी घटती है।
होगा नुकसान
करेंसी की बचत के लिए केन्द्रीय बैंक बार-बार लोगों के शादियों में नोटों को ना उड़ाने और इसका गलत इस्तेमाल ना करने की अपील करता रहता है। हालांकि हैरल की बात यह है कि भारत में इस हरकत के लिए दंड के कोई प्रवधान नहीं है। हालांकि ऐसे में ग्राहकों का घाटा ही होता है। क्योंकि अक्सर ऐसी स्थितियों में नोटों की गुणवत्ता खराब हो जाती है।