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Repo Rate: रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया
jantaserishta.com
7 Jun 2024 5:03 AM GMT
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#WATCH आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "मौद्रिक नीति समिति ने 4:2 के बहुमत से पॉलिसी रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया। फलस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर 6.25% पर बनी हुई है, और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75% पर बनी हुई है..." pic.twitter.com/Ufusfsa18E
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 7, 2024
Repo Rate News: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास (ShaktiKant Das) ने शुक्रवार यानी आज को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की है। मंहगाई को लेकर चिंता के बीच रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को 6.5 पर्सेंट पर बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक ने मौजूदा घरेलु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला किया है। बता दें, आखिरी बार रेपो रेट में फरवरी 2023 में बदलाव किया गया था। यानी बीते 16 महीनों से इसमें बदलाव नहीं हुआ है।
वित्त वर्ष 25 के लिए रिजर्व बैंक ने ग्रोथ रेट अनुमान को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रिजर्व बैंक ने 7.2 प्रतिशत की ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है। जबकि पहले यह 6.9 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक ने अपने बयान में कहा है कि ग्रोथ रेट और महंगाई के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। बता दें, चालू वित्त वर्ष के चारों क्वार्टर के लिए रेपो रेट में इजाफा किया गया है।
रिजर्व बैंक खाद्य महंगाई दर को लेकर चिंतित नजर आ रहा है। लेकिन चालू वित्त वर्ष के लिए CPI 4.5 प्रतिशत बरकरार रखा है।
देश में 10 सालों के बाद एक बार फिर गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। सत्तारुढ़ बीजेपी अपने दम पर बहुमत पाने में असफल रह गई है। ऐसे में चुनावी परिणाम के बाद हुई रिजर्व बैंक की इस बैठक के नतीजों पर सबकी निगाह थी। बता दें, रिजर्व बैंक की यह मीटिंग पहले से तय समय पर ही हुई है।
विशेषज्ञों का मानना था कि मुद्रास्फीति की चिंताओं के बीच आरबीआई नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए रखेगा। हालांकि, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ कनाडा ने अपनी-अपनी प्रमुख नीतिगत दरों में कटौती शुरू कर दी है। बता दें, एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई।
विशेषज्ञों ने कहा कि चूंकि आर्थिक वृद्धि में तेजी आ रही है, ऐसे में एमपीसी नीतिगत दर में कटौती से बच सकती है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में पांच प्रतिशत रहने (आंकड़ा इस महीने के दूसरे सप्ताह जारी होगी) का अनुमान है। अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति 4.83 प्रतिशत रही थी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़े विनोद नायर कहते हैं, “उम्मीद है कि रिजर्व बैंक पुरानी स्थिति को बरकरार रखेगा। हालांकि, इसके बावजूद की CPI 4.85 प्रतिशत से 4.83 प्रतिशत पर आ गया। चिंता की बात खाद्य महंगाई दर है। जोकि 8.7 प्रतिशत पहुंच गया है।
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