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अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता Tesla ने भारत में एंट्री से पहले सरकार के सामने इंपोर्ट ड्यूटी कम करने का प्रस्ताव रखा है. इसपर नीति आयोग के CEO ने बड़ा बयान दिया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत में टेस्ला (Tesla) की एंट्री पर बहुत सारे कयास लगाए जा रहे हैं और ग्राहकों के बीच जोरदार रोमांच बना हुआ है कि कब उन्हें इस शानदार ब्रांड की दमदार इलेक्ट्रिक कारें खरीदने का मौका मिलेगा. हालांकि अमेरिकी कार निर्माता टेस्ला ने भारत सरकार के सामने इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का प्रस्ताव रखा है, इस बात पर नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने बताया कि सरकार इसका आंकलन कर रही है और जल्द ही इसपर फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा, "इस प्रस्ताव पर सरकार स्टडी कर रही है." इस मामले में अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू डिपार्टमेंट द्वारा लिया जाएगा.
सरकार अस्थाई तौर पर इंपोर्ट ड्यूटी में कमी के बारे में विचार कर रही है
इकोनॉमिक टाइम्स को दी जानकारी में इस विभाग के कई अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार देश में टेस्ला कारों का उत्पादन चाहती है. मिनिस्ट्री ऑफ हेवी इंडस्ट्रीज ने सुझाव दिया है कि कस्टम ड्यूटी में कटौती की उम्मीद रखने से बेहतर है टेस्ला भारत में कारें बनाए. इसे लेकर टेस्ला ने कहा है कि उनकी कारें फिलहाल किट से असेंबल नहीं हो सकतीं. इस पर फैसला लिया जाना अभी बाकी है. सूत्रों की मानें तो सरकार अस्थाई तौर पर इंपोर्ट ड्यूटी में कमी के बारे में विचार कर रही है, करीब 3 साल के लिए. लेकिन इसके लिए पहले बिजनेस प्लान साझा करना होगा.
टेस्ला के भारत आने से इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में मुकाबला बढ़ेगा
कुछ समय पहले भारतीय वाहन निर्माताओं ने सरकार को कहा था कि विदेशी कंपनियों के लिए इंपोर्ट ड्यूटी में कमी करने से देशी इलेक्ट्रिक वाहन व्यापार प्रभावित होगा. हालांकि टेस्ला के भारत आने से इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में मुकाबला बढ़ेगा और कंपनी भारत में रोजगार लेकर भी आएगी. बता दें कि कुछ समय पहले टेस्ला ने भारत में आने की तैयारियां शुरू की थी और बेंगलुरु में इसका इंडिया हेडक्वार्टर और उत्पादन प्लांट बनाए जाने की बात भी सामने आई थी. यहां तक कि कंपनी ने भारत में बड़े अधिकारियों को भी नियुक्त कर लिया है ऐसी खबर मिली थी. फिलहाल देश में टाटा मोटर्स, ह्यून्दे और एमजी जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक कारें बेच रही हैं.
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