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भगोड़ा नीरव मोदी को मिला UK अदालत से झटका, भारत प्रत्यर्पण को रोकने वाली याचिका खारिज

Deepa Sahu
23 Jun 2021 1:53 PM GMT
भगोड़ा नीरव मोदी को मिला UK अदालत से झटका, भारत प्रत्यर्पण को रोकने वाली याचिका खारिज
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पीएनबी घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी को ब्रिटेन की अदालत से बड़ा झटका लगा है।

पीएनबी घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी को ब्रिटेन की अदालत से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने भारत प्रत्यर्पण से रोकने वाली उसकी याचिका को खारिज कर दी है। हाई कोर्ट के जज ने प्रस्तुत किए गए आवेदन पत्र को पढ़ने के बाद फैसला लिया कि धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए मोदी के प्रत्यर्पण रोकने के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फरवरी के फैसले के खिलाफ अपील करने का कोई आधार नहीं है।

जानें क्या है मामला
अरबपति डायमंड कारोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में बिना तराशे हुए हीरे आयात करने को लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की एक ब्रांच से संपर्क साधा। आम तौर पर बैंक विदेश से आयात को लेकर होने वाले भुगतान के लिए LoU यानी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करता है, लेकिन पीएनबी बैंक के कुछ कर्मचारियों ने बैंक मैनेजमेंट को अंधेरे में रखकर कथित तौर पर नीरव मोदी की कंपनियों को फर्जी LoU जारी किया। इतना ही नहीं साजिश रचने वाले अधिकारियों ने सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन का गलत इस्तेमाल करते हुए नीरव और मेहुल चोकसी को फंड जारी करने की हरी झंडी दे दी।

2018 में घोटाले का हुआ था खुलासा
मामले का खुलासा सात साल बाद उस वक्त हुआ जब ये भ्रष्ट अधिकारी रिटायर्ड हो गए और नीरव मोदी की कंपनी ने जनवरी 2018 में दोबारा इसी तरह की सुविधा शुरू करने की गुजारिश की। नए अधिकारियों ने फर्जीवाड़े को पकड़ा और घोटाले की जांच से पर्दा हटाने के लिए जांच शुरू की। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक ने जनवरी 2018 में पहली बार नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उनके साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। सीबीआई ने नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई, भांजा और कारोबारी साझेदार के खिलाफ मामले की जांच शुरू की, जिसमें आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगा।
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