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EPS पर नया अपडेट, दोगुनी होगी पेंशन, हटने वाली है 15000 की लिमिट

Bhumika Sahu
26 Jan 2022 4:56 AM GMT
EPS पर नया अपडेट, दोगुनी होगी पेंशन, हटने वाली है 15000 की लिमिट
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Employee Pension Scheme: कर्मचारी के रिटायरमेंट पर पेंशन तय होती है. लेकिन, इसमें लिमिट होने से रिटायरमेंट के बाद पेंशन बहुत ज्यादा नहीं है. इसलिए इस लिमिट को हटाने की मांग है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) के तहत निवेश पर लगे कैप को जल्दी ही हटाया जा सकता है. इसको लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. बताया जा रहा है कि जल्दी ही इस पर फैसला आ सकता है. लेकिन इस सुनवाई और इस मामले का आप से क्या लेना देना है और इससे आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा, हम आपको समझाते हैं.

क्या है EPS सीमा को हटाने का मामला
इस मामले पर आगे बढ़ने से पहले ये समझ लेते हैं कि आखिर ये पूरा मामला है क्या. अभी अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 15,000 रुपये प्रति महीने तक सीमित है. मतलब, आपकी सैलरी चाहे जितनी हो, लेकिन पेंशन की कैलुकलेशन 15,000 रुपये पर ही होगी. इस लिमिट को हटाने को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल 12 अगस्त को भारत संघ और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से दायर याचिकाओं के उस बैच की सुनवाई स्थगित कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि कर्मचारियों की पेंशन को 15,000 रुपये तक सीमित नहीं किया जा सकता. इन मामलों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है.
अभी क्या है EPS को लेकर नियम?
जब हम नौकरी करने लगते हैं और EPF के सदस्य बन जाते हैं, तो उसी समय हम EPS के भी सदस्य बन जाते हैं.कर्मचारी अपनी सैलरी का 12% हिस्सा EPF में देता है, इतनी ही रकम उसकी कंपनी की ओर से भी दी जाती है, लेकिन इसमें से एक हिस्सा 8.33 परसेंट EPS में भी जाता है. जैसा कि हमने ऊपर बताया कि अभी पेंशन योग्य वेतन अधिकतम 15 हजार रुपये ही है, मतलब कि हर महीने पेंशन का हिस्सा अधिकतम (15,000 का 8.33%) 1250 रुपये होता है.
जब कर्मचारी रिटायर होता है तब भी पेंशन की गणना करने के लिए अधिकतम वेतन 15 हजार रुपये ही माना जाता है, इस हिसाब से एक कर्मचारी EPS के तहत अधिकतम पेंशन 7,500 रुपये ही पा सकता है.
ऐसे होती है पेंशन की कैलकुलेशन
एक बात जरूर ध्यान दें कि अगर आपने EPS में योगदान 1 सितंबर, 2014 से पहले शुरू किया है तो आपके लिए पेंशन योगदान के लिए मंथली सैलरी की अधिकतम सीमा 6500 रुपये होगी. 1 सितंबर, 2014 के बाद अगर आप EPS से जुड़े हैं तो अधिकतम सैलरी की सीमा 15,000 होगी. अब देखिए कि पेंशन की कैलकुलेशन होती कैसे है.
EPS कैलकुलेशन का फॉर्मूला
मंथली पेंशन= (पेंशन योग्य सैलरी x EPS योगदान के साल)/70
यहां मान लेते हैं कर्मचारी ने 1 सितंबर, 2014 के बाद EPS में योगदान शुरू किया तो पेंशन योगदान 15,000 रुपये पर होगा. मान लीजिए कि उसने 30 साल तक नौकरी की है.
मंथली पेंशन = 15,000X30/70
= 6428 रुपये
अधिकतम और न्यूनतम पेंशन
एक बात और याद रहे कि कर्मचारी की 6 महीने या इससे ज्यादा की सर्विस को 1 साल माना जाएगा और इससे कम हुआ तो उसकी गिनती नहीं होगी. मतलब अगर कर्मचारी ने 14 साल 7 महीने काम किया है तो उसे 15 साल माना जाएगा. लेकिन 14 साल 5 महीने काम किया है तो सिर्फ 14 साल की ही सर्विस काउंट होगी. EPS के तहत मिनिमम पेंशन की राशि 1000 रुपये प्रति महीना होती है, जबकि अधिकतम पेंशन 7500 रुपये होती है.
8,571 रुपये मिलेगी पेंशन
अगर 15 हजार की लिमिट हट जाती है और आपकी बेसिक सैलरी 20 हजार रुपये है तो आपको फॉर्मूले के हिसाब से जो पेंशन मिलेगी वो ये होगी. (20,000 X 30)/70 = 8,571 रुपये.
पेंशन (EPS) के लिए मौजूदा शर्तें
- पेंशन के लिए EPF सदस्य होना जरूरी है.
- कम से कम रेगुलर 10 साल तक नौकरी में रहना अनिवार्य है.
- कर्मचारी के 58 साल के होने पर मिलती है पेंशन.
- 50 साल के बाद और 58 की उम्र से पहले भी पेंशन लेने का है विकल्प.
- ढेन रखें कि पहले पेंशन लेने पर घटी हुई पेंशन मिलेगी और इसके लिए आपको फॉर्म 10D भरना होगा.
- कर्मचारी की मौत होने पर परिवार को पेंशन मिलती है.
- सर्विस हिस्ट्री 10 साल से कम है तो उन्हें 58 साल की आयु में पेंशन अमाउंट निकालने का ऑप्शन मिलेगा.


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