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नई तकनीक ला सकती है इस बाजार में क्रांति, बिना चार्ज किए चलता रहेगा इलेक्ट्रिक वाहन

Tulsi Rao
30 Dec 2021 5:27 AM GMT
नई तकनीक ला सकती है इस बाजार में क्रांति, बिना चार्ज किए चलता रहेगा इलेक्ट्रिक वाहन
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बल्कि इसे लगातार बिना चार्ज किए चलाया जा सकता है. ये कारनामा कर दिखाया है विजयन प्रेमानंद ने जो पुदुचेरी के रहने वाले हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इलेक्ट्रिक बाइक्स और स्कूटर्स आपने बहुत देखी होंगी जिन्हें एक बार चार्ज करने पर सैकड़ों किमी तक चलाया जा सकता है. लेकिन 58 साल के एक शख्स ने ऐसी तकनीक इजात की है जो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक क्रांति साबित हो सकती है. इन्होंने एक इलेक्ट्रिक बाइक बनाई है जिसमें लगी बैटरी को दूसरी बैटरी चार्ज करती है, ऐसे में ई-बाइक को चार्ज करने की जरूरत ही खत्म हो जाती है. ये ना सिर्फ बाइक में चार्जर की जरूरत को खत्म करती है, बल्कि इसे लगातार बिना चार्ज किए चलाया जा सकता है. ये कारनामा कर दिखाया है विजयन प्रेमानंद ने जो पुदुचेरी के रहने वाले हैं.

बाइक चलते समय खुदको चार्ज कर लेती है
इन्होंने यूनियन कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन से पेटेंट भी हासिल कर लिया है जो कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स, डिजाइन एंड ट्रेडमार्क्स द्वारा दिया गया है. प्रेमानंद ने कहा, "ये एक तकनीक की शुरुआत है जहां आपको अपना वाहन चार्ज करने के लिए किसी इलेक्ट्रिक ग्रिड की जरूरत नहीं होगी. ऐसी ई-बाइक का इस्तेमाल करने का ये फायदा है कि इसके लिए आपको चार्जिंग स्टेशन पर जाने की कोई आवश्यक्ता नहीं होगी. बाइक चलते समय खुदको चार्ज कर लेती है और इस तकनीक में इलेक्ट्रिसिटी की बचत होती है."
चार्जिंग स्टेशन पर समय खराब करने की कोई जरूरत नहीं
उन्होंने आगे बताया, "हमारे देश के ग्रामीण इलाकों में कई बार बिजली नहीं होती और पर्याप्त पावर सप्लाई भी उपलब्ध नहीं है. हमारे इलेक्ट्रिक ग्रिड सिस्टम के इस्तेमाल से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है. इसके अलावा चार्जिंग स्टेशन पर आपको समय खराब करने की भी कोई जरूरत नहीं होगी. मेरा मानना है कि ये इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य है." इस तकनीक के बारे में बातते हुए उन्होंने कहा कि पहिये के हब पर जनरेटर लगाया गया है जो इलेक्ट्रिक स्टेरेज डिवाइस से जुड़ा हुआ है. ये इलेक्ट्रिक जनरेटर पहिये के घूमने से पैदा होने वाली एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदल देता है.
एनर्जी बहुत कम खर्च होती है
इन्होंने डिजाइन में ऐसे बदलाव किए हैं कि दोनों बैटरियां एक-दूसरे को चार्ज करती रहती हैं. उन्होंने कहा, "दोनों बैटरियों के चार्ज होते रहने से एनर्जी बहुत कम खर्च होती है. सामान्य बैटरियों का पावर बहुत जल्दी खत्म होता है और इससे निजात पाने के लिए मैंने एक आईडिया खोजा है जिसमें बैटरीज को एक के बाद एक चार्ज करने का काम होता है." इन्होंने इस तकनीक के इस्तेमाल के लिए सभी बड़े वाहन निर्माताओं को कहा है और ये कंपनियों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं. प्रेमानंद ने बताया कि उन्होंने फिलहाल लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल किया है और इसमें फास्ट चार्जिंग बैटरियों का इस्तेमाल किया जाए तो परिणाम और भी बेहतर होंगे.


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