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सोलर AC
गर्मी का मौसम शुरू होने की असली पहचान ठंडा पानी, आइसक्रीम और कूलर/ AC से होती है. उमस भरी गर्मी से राहत पानी है तो AC से ज्यादा कामगार और कुछ नहीं है. लेकिन AC के साथ जो सबसे बड़ी समस्या है वो है बिजली की खपत और आपकी जेब का बिल बढ़ाना. आप कितनी भी कोशिश कर लें मीटर की बढ़ती रीडिंग को कंट्रोल नहीं कर सकते. मगर अब आप आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम आपको एक राहत भरी बात बताने जा रहे हैं.
अब आप जमकर AC भी चलाएंगे और आसमान छूते बिजली के बिल से भी बचेंगे. दरअसल मार्केट में सोलर AC एंट्री कर चुके हैं, यानी इन्हें चलाने के लिए बिजली की जरूरत नहीं है. इस AC को सोलर प्लेट से कनेक्ट किया जाता है. हां सोलर AC, बिजली से चलने वाले एसी के मुकाबले महंगे होते हैं लेकिन लॉन्ग टर्म में ये पैसे बचाने में आपकी काफी मदद करते हैं. जानिए सोलर AC के तमाम फीचर्स और फंक्शनिंग के बारे में…
90 फीसदी बिजली की बचत
मार्केट में 1 टन, 1.5 टन और 2 टन की कैपेसिटी वाले सोलर AC उपलब्ध हैं. आप अपनी जरूरत के हिसाब से AC खरीद सकते हैं. बिजली की बचत को लेकर कहें तो सोलर AC, स्प्लिट या विंडो एसी के मुकाबले 90 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिसिटी बचा सकते हैं. अगर आप नार्मल AC का इस्तेमाल करते हैं तो महीने भर में ये 300 यूनिट कनज्यूम करता है, मतलब कि महीने भर में सिर्फ AC का बिल 2,000 रुपए से अधिक का होगा. वहीं सोलर AC की बात करें तो यहां आपको गर्मी और खर्च दोनों से राहत मिलती है. थोड़ा ध्यान रख कर सोलर AC का इस्तेमाल किया जाए तो शायद आपको इसपर 1 रुपए भी खर्च नहीं करने पड़ेंगे. यानी वन टाइम इंवेस्ट करो और बिजली बिल की झंझट से छुटकारा पाने टाइप मामला है.
सोलर AC की कीमत
आज के समय में ऐसी कई कंपनियां हैं जो सोलर AC बनाती हैं. अलग-अलग कंपनियों के प्रोडक्ट्स की कीमत लगभग एक बराबर ही है. पार्ट्स की बात करें तो सोलर एसी में भी नार्मल AC जैसे ही चीजें होती हैं लेकिन इसमें सोलर प्लेट और बैटरी अलग से जोड़ी जाती है. कीमत पर आएं तो 1 टन के AC (1500 वाट की सोलर प्लेट) के लिए 97 हजार रुपए, 1.5 टन वाले AC के लिए 1.39 लाख रुपए और 2 टन वाले AC के लिए 1.79 लाख रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं. ये खर्च अभी आपको भले ही काफी ज्यादा लग रहा हो लेकिन लंबे समय तक आपको बिजली के बिल से राहत दिला सकता है.
बता दें सोलर AC जितने ज्यादा टन का होगा उसके लिए उतने ही वाट की सोलर प्लेट की जरूरत होती है. सोलर प्लेट को इनवर्टर और बैटरी से जोड़ा जाता है. सूरज की रोशनी से सोलर प्लेट एनर्जी जनरेट करती है, जोकि बैटरी को चार्ज करती है. इस बैटरी की पावर से AC चलता है. वहीं अगर किसी दिन सूरज नहीं निकले तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये AC बिजली से भी चलते हैं.
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