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बैंको में 26 मई से लागू होंगे नए नियम, पूरी जानकारी पड़े

Kajal Dubey
15 May 2022 10:04 AM GMT
बैंको में 26 मई से लागू होंगे नए नियम, पूरी जानकारी पड़े
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बैंक ग्राहकों के लिए एक बेदह जरूरी खबर
बैंक ग्राहकों के लिए एक बेदह जरूरी खबर है। सरकार ने बड़ी रकम के डिजिटल-ट्रांजेक्शन के लिए नियम बदल दिए हैं। बैंक या डाकघर में चालू खाता या कैश क्रेडिट खाता खोलने के लिए भी यह डिटेल जरूरी होगा।
बैंक से कैश निकालने-जमा करने के बदले नियम! 26 मई से लागू होंगे नए नियम, चेक करें डिटेल
Banking deposit transaction rules changed: सरकार ने एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा करने या निकालने के साथ ही चालू खाता खोलने के लिए आधार या स्थायी खाता संख्या (PAN) को अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक अधिसूचना में कहा कि एक वित्त वर्ष में बैंकों से बड़ी राशि का लेनदेन करने के लिए पैन नंबर की जानकारी देना या आधार की बायोमीट्रिक पुष्टि करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा किसी बैंक या डाकघर में चालू खाता या कैश क्रेडिट खाता खोलने के लिए भी यह जरूरी होगा।
क्या कहते हैं जानकार?
CBDT ने इनकम टैक्स (15वां संशोधन) रूल्स, 2022 के तहत नए नियम तैयार किए हैं। यह अधिसूचना 10 मई 2022 को जारी की गई है। ग्राहकों पर ये नए नियम 26 मई से लागू होंगे। एकेएम ग्लोबल के कर साझेदार संदीप सहगल ने इस कदम से वित्तीय लेनदेन में अधिक पारदर्शिता आने की उम्मीद जताते हुए कहा कि इसकी वजह से बैंक, डाकघर या सहकारी समितियों को एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन की जानकारी देना अनिवार्य होगा।
सहगल ने कहा, ''इससे वित्तीय प्रणाली में नकदी के आवागमन पर नजर रखने में सरकार को मदद मिलेगी। इससे संदिग्ध नकद जमा एवं निकासी से जुड़ी प्रक्रिया में सख्ती आएगी।'' फिलहाल आयकर से जुड़े कार्यों के लिए आधार या पैन का इस्तेमाल होता है। आयकर विभाग से जुड़े सभी तरह के कामकाज में पैन नंबर देना जरूरी होता है। लेकिन बड़ी नकद राशि के लेनदेन के समय अगर किसी व्यक्ति के पास पैन नहीं है तो वह आधार का इस्तेमाल कर सकता है।
क्या है नियम?
नियमों के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को पैन की जानकारी देने की जरूरत है, लेकिन उसके पास पैन नहीं है तो वह आधार की बायोमीट्रिक पहचान दे सकता है। नांगिया एंड कंपनी के साझेदार शैलेश कुमार ने कहा कि लेनदेन के समय पैन नंबर दिए जाने के बाद कर अधिकारियों के लिए लेनदेन पर नजर रख पाना आसान हो जाएगा।
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