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दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin की उड़ान जारी है
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin की उड़ान जारी है। पिछले 24 घंटे में 5 हजार डॉलर से अधिक की छलांग कर अब यह 56 हजार डॉलर (करीब 40.50 लाख रुपये) के भी पार पहुंच गई है। बिटक्वाइन अब 56609 डॉलर पर पहुंचकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। बता दें एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने जबसे क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में निवेश किया है तब से इसकी उड़ान रुकने का नाम नहीं ले रही।
अभी दो दिन पहले गुरुवार बिटक्वाइन की कीमत 51737 डॉलर यानी करीब 38 लाख रुपये पर थी। इससे पहले बिटक्वाइन की कीमत बुधवार को नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई थी। इसका भाव 52000 डॉलर के पार चला गया। एक दिन पहले ही बिटकॉइन पहली बार 50000 डॉलर के पार गया था। बुधवार को इसने 52,577.50 डॉलर के स्तर को छू लिया, हालांकि बाद में यह 6.3 फीसदी की तेजी के साथ 52233 डॉलर पर बंद हुआ।
इसे खरीदा-बेचा कैसे जाता है
आप Bitcoin को क्रिप्टो एक्सचेंज से या सीधे किसी व्यक्ति से ऑनलाइन (पियर-टू-पियर) खरीद सकते हैं। दूसरे वाला माध्यम खासा जोखिम भरा है और इसे धोखेबाज भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इसके एक्सचेंज भी किसी तरह के नियमन से नियंत्रित नहीं होते लेकिन भारत में इन्हें दीवानी और आपराधिक कानूनों के दायरे में रखा गया है, जैसे कांट्रैक्ट एक्ट, 1872 तथा भारतीय दंड संहिता, 1860। इनमें निवेश करने से पहले जांच लें कि एक्सचेंज का पंजीकृत पता कहां है और वह भारतीय कानून के अधीन निगमित है या नहीं। कुछ एक्सचेंज केवाईसी और एंटी मनीलॉड्रिंग प्रक्रियाओं का भी पालन करवाते हैं।
क्रिप्टो की दुनिया में बिटक्वाइन का सफर
करीब 350 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ बिटक्वाइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है। इसे 2009 में उस समय लांच किया गया था जब दुनिया में आर्थिक संकट आ चुका था। गणितीय गणनाओं के हल के आधार पर कंप्यूटरों ने बिटक्वाइन के अतिरिक्त यूनिट्स को तैयार किया। यह गणना हर बार यूनिट के जोड़े जाने के बाद और भी जटिल होती जाती है। इस आभासी मुद्रा की सबसे रोचक बात यह है कि इसका हिसाब-किताब हजारों कंप्यूटरों में एक साथ सार्वजनिक लेजर में रखा जाता है। यह ठीक उस प्रक्रिया के उलट है, जिसमें पारम्परिक मुद्राओं का हिसाब बैंकों के सर्वर में रखा जाता है।
डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन 2009 में आया था। नौ फरवरी 2011 को पहली बार इसकी कीमत एक डॉलर पर पहुंची
20 फरवरी 2021 को भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे इसकी कीमत 56015 डॅलर तक पहुंच गई थी।
17 फरवरी 2021 यानी बुधवार को इसने 52,577.50 डॉलर के स्तर को छू लिया
यह 48226 डॉलर (9 फरवरी 2021) पर पहुंच गई है।
बिटकॉइन की कीमत पिछले साल मार्च से अब तक 8 गुना हो चुकी है।
इसकी मार्केट वैल्यू सितंबर 2020 से अब तक 700 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़ चुकी है। पिछले तीन महीने में ही इसका रेट करीब 200 प्रतिशत चढ़ा है।
सिर्फ इस साल में ही बिटकॉइन ने 70 फीसदी से भी अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की है।
बिटक्वाइन में मुनाफा कैसे बांटा जाता है
प्रारंभिक रूप से बिटक्वाइन को टेक प्रोफेशनल्स या फ्रीलांसर द्वारा प्रयोग में लाया जाता था जिसमें उन्हें शुरुआती वर्षों में छोटे-छोटे भुगतान किए जाते थे। वर्ष 2017 तक आते-आते यह उस वक्त एक निवेश उत्पाद में तब्दील हो गया जब इसका दाम 20 गुना बढ़ गया और दिसंबर 2017 में इसने 20000 डॉलर (12.6 लाख का भाव) हासिल कर लिया। 2018 में इसमें जबरदस्त गिरावट आई और यह गिरकर 2.3 लाख रुपये प्रति यूनिट तक आ गया। मार्च 2020 में कोविड की दस्तक के बाद इसने फिर तेजी की राह पकड़ी। अब यह पिछला शीर्ष स्तर पीछे छोड़ 13.97 लाख रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच चुका है।
क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार कानून-सम्मत है
भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश न तो पूरी तरह से कानूनी है और न ही इस पर किसी तरह का प्रतिबंध है। वर्ष 2018 में आरबीआई के लगाए प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि 2019 में सभी क्रिप्टोकरेंसी को रोकने वाला बिल संसद में लाया जाएगा, लेकिन इसे संसद के पटल पर कभी रखा ही नहीं गया। वकीलों का कहना था कि इस बिल का पास होना काफी मुश्किल होगा।
इससे जुड़े जोखिम क्या हैं
शेयर बाजार में किसी शेयर के दाम उस कंपनी की लाभ की स्थिति या किसी बांड की मुनाफे की हालत को देखकर तय होते हैं, लेकिन बिटक्वाइन में ऐसा कतई नहीं है। इसकी कीमत तय करने का कोई आधार ही नहीं है। इसकी वकालत करने वाले लोग यह दावा करते हैं कि सोने जैसे अन्य निवेश संसाधनों में भी किसी तरह की वेल्यू उनके दाम से जुड़ी नहीं होती। बिटक्वाइन के दाम में होने वाला जबरदस्त उतार-चढ़ाव काफी तनाव देने वाला हो सकता है। एक बड़े घटनाक्रम में पेपाल होल्डिंग्स इंक ने अपने यूजर्स को वॉलेट में क्रिप्टोकरेंसी रखने की इजाजत दे दी है।
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