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नया लेबर कोड: सामने आया बड़ा अपडेट, यहां जानिए

jantaserishta.com
13 July 2022 3:53 AM GMT
नया लेबर कोड: सामने आया बड़ा अपडेट, यहां जानिए
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: एक जुलाई से लागू होने वाला नया लेबर कोड (New Labour Code) फिलहाल अटक गया है. केंद्र सरकार चाहती थी कि सभी राज्य एक साथ नए लेबर कोड लागू करें, लेकिन बात नहीं बनी और कानून फिलहाल अधर में लटक गया है. 23 राज्य नए लेबर कोर्ड के कानून के प्री-पब्लिश्ड ड्राफ्ट को अपना चुके हैं. लेकिन बाकी के राज्यों ने इसे अभी तक नहीं अपनाया है. सरकार चार बड़े बदलाव के लिए नया लेबर कोड लेकर आई है. नए कोड से सप्ताहिक छुट्टियों (Weekly Holidays) से लेकर इन सैलरी (In Hand Salary) तक में बदलाव होता.

नए वेज कोड के अनुसार, नौकरीपेशा लोगों को सप्ताह में चार दिन काम और तीन अवकाश मिलने हैं. हलांकि, इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों को दफ्तर में अधिक काम करना पड़ेगा. सप्ताह में तीन दिन की छुट्टी के साथ आपको हर दिन दफ्तर में 12 घंटे काम करने पड़ेंगे. मतलब ये कि किसी भी हाल में आपके काम की अवधि नहीं कम होगी.
फिलहाल कर्मचारियों को सप्ताह में 5 दिन 8 से 9 घंटे दफ्तर में काम करने होते हैं. नए लेबर कोड वेज (Wage), सोशल सिक्योरिटी (Social Security), इंडस्ट्रियल रिलेशंस (Industrial Relations) और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी (Occupational Safety) से जुड़े हैं.
नए लेबर कोड में छुट्टियों को लेकर एक और बड़ा बदलाव किया गया है. फिलहाल किसी भी संस्थान में लंबे समय तक की छुट्टी लेने के लिए कर्मचारी को साल में कम से कम 240 दिन काम करना जरूरी है. लेकिन नए लेबर कोड में इसे घटाकर 180 दिन (6 महीना) कर दिया गया है.
नए वेज कोड में नौकरी छोड़ने के बाद फुल एंड फाइनल को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है. इसमें प्रावधान किया गया है कि कंपनियों को कर्मचारी के नौकरी छोड़ने, बर्खास्तगी, छंटनी और इस्तीफा देने के दो दिन के अंदर कर्मचारियों को उनकी सैलरी का भुगतान करना होगा. अभी वेजेज के पेमेंट और सेटलमेंट पर ज्यादातर नियम लागू हैं. हालांकि, इनमें इस्तीफा शामिल नहीं है. फिलहाल कंपनियां फुल एंड फाइनल करने में 30 से 60 दिनों का समय लेती हैं.
नए वेज कोड के बेसिक सैलरी में भी बदलाव का प्रावधान किया गया था. इसके लागू होने के बाद टेक होम सैलरी यानी इन हैंड सैलरी आपको अकाउंट में कम आएगी. सरकार ने पे रोल को लेकर नए नियम बनाए हैं. नए वेज कोड के तहत किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी (Basic Salary) उसकी टोटल सैलरी (CTC) का 50 फीसदी या उससे अधिक होनी चाहिए.
अगर आपकी बेसिक सैलरी बढ़ेगी, तो आपका पीएफ फंड में कंट्रीब्यूशन भी बढ़ेगा. ऐसे में पीएफ में पहले के मुकाबले अधिक पैसा जमा होगा. इस तरह कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय मोटी रकम मिलेगी. सरकार ने कर्माचारियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ये बदलाव किए हैं. लेकिन नय वेज कोड अभी तक लागू नहीं हो सका है.
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