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New Delhi: अनिल अंबानी की कंपनी खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप को लेना पड़ रहा कर्ज

Ritik Patel
21 Jun 2024 1:55 PM GMT
New Delhi: अनिल अंबानी की कंपनी खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप को लेना पड़ रहा कर्ज
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New Delhi: कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) के पसीने छूट रहे हैं। पहले खबर आई थी कि बैंकों ने उसे कर्ज देने से मना कर दिया है। ग्रुप ने अब दो रूपी बॉन्ड ऑफरिंग के जरिए 7,300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इससे जुटाई गई कुछ राशि का इस्तेमाल रिलायंस कैपिटल के एक्विजिशन में किया जाएगा। ग्रुप ने इसकी जिम्मेदारी Barclays Plc और 360 ONE को दी है। इन कंपनियों ने पिछले हफ्ते सिंडिकेशन प्रोसेस शुरू कर दी है और एक महीने के भीतर डील होने की उम्मीद है। इस बारे में हिंदुजा ग्रुप, Barclays Plc और 360 ONE ने कोई टिप्पणी नहीं की।
इस बीच एनसीएलटी ने रिलायंस कैपिटल की सफल बोलीदाता और हिंदुजा ग्रुप की कंपनी आईआईएचएल की समाधान प्रक्रिया पूरा करने की समयसीमा बढ़ाने वाली याचिका पर सुनवाई 25 जून तक स्थगित कर दी है। Indusind International Holdings Limited ने अनिल अंबानी की फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी रिलायंस कैपिटल के कर्ज समाधान के लिए सफल बोली लगाई थी। उसे 27 मई, 2024 तक इस प्रोसेस को पूरा करना था लेकिन कंपनी ने डेडलाइन को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है। आईआईएचएल की याचिका पर एनसीएलटी ने गुरुवार को सुनवाई की और मामले को 25 जून को लिस्ट करने का निर्देश दिया। रिलायंस कैपिटल ने शेयर बाजार को इसकी जानकारी दी। एनसीएलटी इस मामले की सुनवाई 13 जून को भी कर चुका है। की कंपनी रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप ने सबसे बड़ी बोली लगाई थी। लेकिन अब उसके खरीदने के लिए ग्रुप के पसीने छूट रहे हैं। यह सौदा 27 मई तक पूरा किया जाना था लेकिन ग्रुप ने इसके लिए और समय मांगा है।
40,000 करोड़ का कर्ज- रिजर्व बैंक ने नवंबर, 2021 में अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भुगतान चूक एवं कामकाज में गड़बड़ी के आरोप में बर्खास्त कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने नागेश्वर राव वाई को कंपनी का प्रशासक नियुक्त किया था। रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग में शुरुआती दौर में उसे बोलियां मिली थीं। हालांकि, बैंकों की समिति ने कम बोली वाली इन सभी योजनाओं को खारिज कर दिया और नीलामी का दूसरा दौर आयोजित किया था। उसमें आईआईएचएल के अलावा टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने भी भाग लिया था। IIHL ने 9,661 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ रिलायंस कैपिटल के लिए बोली भी जीती।

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