रबी : रबी के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत के बैंकिंग सेक्टर में गवर्नेंस फ्रेमवर्क और एश्योरेंस फंक्शन में गैप को भरना जरूरी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित की गई बैंकों के डायरेक्टर्स की कॉन्फ्रेंस में जोर देते हुए कहा कि वित्तीय संस्थानों को बेहतर भविष्य के लक्ष्य को पाने के लिए काफी अधिक फाइनेंशियल रिसोर्स की आवश्यकता होगी। आगे उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर मौजूदा समय में मजबूत, लचीला और वित्तीय रूप से स्वस्थ है। शायद यह सही समय है कि बैंकिंग सेक्टर में मौजूद गवर्नेंस फ्रेमवर्क, एश्योरेंस फंक्शन और स्ट्रेटजी को ठीक किया जाए, जिससे कि भविष्य बेहतर हो। उनकी ओर से कहा गया कि हमने कई बार महसूस किया है कि बोर्ड बैठक में कुछ विषयों को उतना महत्व नहीं मिल पाता है, जितना मिलना चाहिए। ग्राहक सर्विस, ग्राहक आचरण, कर्मचारियों के अचारण, डाटा प्राइवेसी और साइबर सिक्योरिटी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों महत्व देना चाहिए।जोर देते हुए कहा कि वित्तीय संस्थानों को बेहतर भविष्य के लक्ष्य को पाने के लिए काफी अधिक फाइनेंशियल रिसोर्स की आवश्यकता होगी। आगे उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर मौजूदा समय में मजबूत, लचीला और वित्तीय रूप से स्वस्थ है। शायद यह सही समय है कि बैंकिंग सेक्टर में मौजूद गवर्नेंस फ्रेमवर्क, एश्योरेंस फंक्शन और स्ट्रेटजी को ठीक किया जाए, जिससे कि भविष्य बेहतर हो। उनकी ओर से कहा गया कि हमने कई बार महसूस किया है कि बोर्ड बैठक में कुछ विषयों को उतना महत्व नहीं मिल पाता है, जितना मिलना चाहिए। ग्राहक सर्विस, ग्राहक आचरण, कर्मचारियों के अचारण, डाटा प्राइवेसी और साइबर सिक्योरिटी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों महत्व देना चाहिए।