x
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने पीरामल ग्रुप को दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड को खरीदने की मंजूरी दे दी है.
मुंबई, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने पीरामल ग्रुप को दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) को खरीदने की मंजूरी दे दी है। पीरामल ग्रुप (Piramal Group) को यह मंजूरी कुछ शर्तों के साथ मिली है। एनसीएलटी की मुंबई खंडपीठ ने कहा कि यह मंजूरी नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनक्लैट) के अंतिम फैसले और सुप्रीम कोर्ट द्वारा डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन मामले के फैसले पर निर्भर करेगी।
एनसीएलटी ने अपने फैसले में डीएचएफएल के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) से कहा है कि वह निर्धारित समाधान योजना के तहत ही छोटे फिक्स्ड डिपॉजिट धारकों को और अधिक रकम देने पर विचार करे। खंडपीठ का कहना था कि वह मामले को वापस सीओसी के पास नहीं भेज रहा है, क्योंकि वह समिति की कारोबारी सूझ का सम्मान करता है। पीठ ने समाधान योजना की एक प्रति उपलब्ध कराने का कपिल वधावन का आग्रह भी ठुकरा दिया। उल्लेखनीय है कि एनसीएलटी ने डीएचएफएल की सीओसी को कपिल वधावन के ऑफर पर विचार करने को कहा था। एनक्लैट ने 25 मई को इस पर स्थगन आदेश दे दिया।
एनक्लैट ने उस दिन यह भी कहा था कि उसका यह फैसला एनसीएलटी द्वारा समाधान योजना को अनुमोदन देने के फैसले के आड़े नहीं आएगा। उससे पहले 19 मई को एनसीएलटी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा नियुक्त किए गए डीएचएफएल प्रशासक को कहा था कि वह सीओसी को वधावन द्वारा पेश की गई समाधान योजना पेश करे।
सीओसी ने इस वर्ष जनवरी में डीएचएफएल के लिए पीरामल ग्रुप की कंपनी की समाधान योजना स्वीकार कर ली थी। इस मामले में डीएचएफएल के प्रमोटर ने पिछले वर्ष भी एक समाधान योजना पेश की थी। लेकिन कंपनी के कर्जदाताओं को वधावन की विश्वसनीयता पर शक था।
Next Story