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नागपुर के पेट्रोल पंप मालिक ने लिया फैसला, 50 रुपये से कम का पेट्रोल देने से किया इनकार

Tulsi Rao
7 April 2022 3:30 AM GMT
नागपुर के पेट्रोल पंप मालिक ने लिया फैसला, 50 रुपये से कम का पेट्रोल देने से किया इनकार
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पेट्रोल को लेकर झगड़े की खबर भी सामने आई है और महाराष्ट्र के नागपुर (Nagpur) के एक पेट्रोल पंप ने 50 रुपये से कम कीमत का पेट्रोल बेचने से इनकार कर दिया गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क ।नागपुर: पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की बेलगाम कीमतों ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है. पिछले कुछ दिनों से लगातार तेल के दामों में इजाफा किया जा रहा है और सरकार जनता को राहत देने के मूड में बिल्कुल नजर नहीं आ रही. इस बीच, पेट्रोल को लेकर झगड़े की खबर भी सामने आई है और महाराष्ट्र के नागपुर (Nagpur) के एक पेट्रोल पंप ने 50 रुपये से कम कीमत का पेट्रोल बेचने से इनकार कर दिया गया है.

पंप मालिक ने लगाया पोस्टर
पेट्रोल पंप पर एक पोस्टर भी चिपकाया गया है, जिस पर साफ लिखा है कि 50 रुपये के नीचे पेट्रोल नहीं मिलेगा. पंप मालिक रविशंकर पारधी का कहना है कि वाहन चालक 20-30 रुपये का पेट्रोल मांगते हैं, जिसकी वजह से खासी परेशानी होती है. उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल के रेट ज्यादा हो गए हैं और मशीनें काफी तेज चलती हैं. ऐसे में जब तक कर्मचारी नोजल उठाता है 20-30 रुपये का पेट्रोल पूरा हो जाता है, जिसके कारण लोग झगड़ा करने लगते हैं.
चढ़ते दाम से परेशान हैं लोग
रविशंकर पारधी ने बताया कि बिजली की बचत और झगड़े कम करने के लिए हमने 50 रुपये से कम का पेट्रोल नहीं बेचने का फैसला लिया है. इस संबंध में पोस्टर भी लगा दिए हैं, ताकि लोगों को पहले ही पता चल जाए कि 20-30 रुपये का पेट्रोल नहीं मिलेगा. वहीं, नाराज लोगों का कहना है कि पेट्रोल के दाम हर रोज बढ़ रहे हैं, हमारे लिए हर रोज इतने दाम चुकाना संभव नहीं है. हम 20-30 रुपये का पेट्रोल डलवाकर ही अपने जरूरी काम पूरे करते हैं.
अंतरराष्ट्रीय कारणों का हवाला
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच राष्ट्रीय बाजार में वाहन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल का सिलसिला लगातार जारी है. हालांकि, ये पहले से ही तय था कि चुनाव के नाम पर जो राहत जनता को दी गई थी, उसकी वसूली चुनाव परिणामों के बाद की जाएगी. लेकिन इतनी तेजी से दाम बढ़ेंगे ये किसी ने नहीं सोचा था. तेल कंपनियां और सरकार अंतरराष्ट्रीय कारणों का हवाला दे रही हैं. ऐसे में चढ़ती कीमतों से राहत से कोई संकेत नजर नहीं आ रहे.



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