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ऑफ-रोडिंग के लिए नागालैंड तैयार, इवेंट के लिए राज्य सरकार देगी मंजूरी

Tulsi Rao
29 Nov 2021 7:44 AM GMT
ऑफ-रोडिंग के लिए नागालैंड तैयार, इवेंट के लिए राज्य सरकार देगी मंजूरी
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नागालैंड की सड़कें काफी चुनौतीपूर्ण हैं और इनपर ऑफ-रोडिंग के सफल इवेंट करवाए जा सकते हैं. राज्य सरकार इसपर काम कर रही है और बड़े रेवेन्यू की संभावना भी तलाश रही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऑफ-रोडिंग का जितना क्रेज विदेशों में है, भारत में भी बेहद खराब और खतरनाक रास्तों पर गाड़ी चलाना उतना ही पसंद किया जाता है. ऑफ-रोडिंग में बाधाओं को पार करने की चुनौती सामने होती है और इसी बाधा को अवसर में बदलने का काम भारत के नागालैंड में किया जा रहा है. PTI की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी भारत को ऑफ-रोड टूरिज्म के लिए विकसित करने की बड़ी संभावनाएं देखी जा रही हैं. यहां की सड़कें काफी चुनौतीपूर्ण होती हैं और इसी के जरिए 100 करोड़ रुपये रेवेन्यू जुटाने की कोशिश राज्य कर रहा है.

बहुत ज्यादा प्लानिंग भी नहीं करनी होगी
इस रिपोर्ट के अनुसार नागालैंड की राज्य सरकार ऑफ-रोडिंग के लिए इवेंट की अनुमति देने को पूरी तरह तैयार है. इस काम में कोई लागत नहीं है और इसे लेकर राज्य सरकार को बहुत ज्यादा प्लानिंग भी नहीं करनी होगी. नागालैंड सरकार के कमिशनर और सेक्रेटरी टूरिज्म, I Kitto Zhimomi ने कहा, "हम नागालैंड को ऑफ-रोडिंग के लिए दुनिया का कैपिटल बनाना चाहते हैं. हमारे पास ऑफ-रोडिंग के लिए अच्छी सड़कें हैं और इसके लिए किसी तरह का इंफ्रास्टक्चर तैयार नहीं करना होता, तो निवेश भी कुछ नहीं है. ये काम शुरू होने के बाद सालाना 100 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट किया जा सकता है."
ऑफ-रोडिंग के लिए सही सर्किट की पहचान
नागालैंड सरकार United States के साउथ डकोटा स्थित स्टर्जिस सिटी से प्रेरित होकर काम कर रही है. इस शहर ने सिर्फ ऑफ-रोडिंग के जरिए करीब 6,000 करोड़ रुपये तक का रेवेन्यू जुटाया है. यहां 10 दिन का मोटरसाइकिल फेस्टिवल आयोजित किया जाता है जिससे 10,000 लोगों की आजीविका बनी रहती है. नागालैंड भी यही चाहता है. रिपोर्ट में सामने आया है कि ऑफ-रोडिंग के लिए सही सर्किट की पहचान की जा रही है और इन रास्तों के लिए गूगल से भी साझेदारी पर बात जारी है.


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