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सरसों तेल के कीमत में गिरावट, 5 रुपये घटे रिफाइंड के दाम

Apurva Srivastav
2 Jun 2021 6:36 PM GMT
सरसों तेल के कीमत में गिरावट, 5 रुपये घटे रिफाइंड के दाम
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सरसों और रिफाइंड तेलों के दाम में तेजी के बीच एक राहत की खबर है

सरसों और रिफाइंड (Mustard and Refined oil price) तेलों के दाम में तेजी के बीच एक राहत की खबर है. सरसों तेल के दाम में 17 रुपये प्रति लीटर तक की गिरावट आई है. वही रिफाइंड तेल (refined oil price) में भी 5 रुपये प्रति लीटर की कमी दर्ज की गई है. यह बिहार की राजधानी पटना का भाव है. आगे और भी गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है.

पटना में सरसों (mustard) का भाव प्रति लीटर 165 से बढ़कर 225 रुपये तक चला गया था. अब सरसों तेल का भाव पहले से घटकर 208 रुपये पर आ गया है. तेल की अलग-अलग वेरायटी देखें तो ये 160 रुपये से लेकर 208 रुपये प्रति लीटर तक बिक रहे हैं. तेलों के भाव में कम से कम 5 रुपये और अधिक से अधिक 17 रुपये तक की गिरावट दर्ज की गई है. रिफाइंड तेल की दर पहले 165 रुपये चल रही थी जो 5 रुपये गिरावट के साथ 160 रुपये पर आ गई है. तेलों के दाम में नरमी के पीछे व्यापारी सरकार के कुछ कदमों को जिम्मेदार बता रहे हैं और इसे अच्छा मानते हैं.
क्यों घटे दाम
व्यापारियों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने तेलों के दाम (edible oil price) स्थिर रखने और इसकी महंगाई कम करने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए हैं जिससे भाव में नरमी देखी जा रही है. इस कदम में एक खाद्य तेलों में सरसों तेल मिलाने पर रोक लगाने का फैसला है. इस फैसले से घरेलू खाद्य तेल उद्योगों में खुशी है उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही सरसों तेल (mustard oil) और रिफाइंड के दाम घटेंगे. इसके साथ ही सरकार ने खाद्य तेलों के आयातक और सप्लायर्स से स्टॉक का ब्योरा मांगा है. इससे व्यापारियों में हलचल है और उन्हें कार्रवाई का डर है. उधर विदेशों में भी खाद्य तेलों के भाव में गिरावट देखी जा रही है जिसका असर देसी बाजार पर दिख रहा है.
FSSAI का कदम
सरसों तेलों की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने मार्च महीने में खाद्य सुरक्षा और मानक से जुड़े कानून में संशोधन किया था. इस संशोधन के अनुसार आठ जून 2021 को और उसके बाद किसी भी खाद्य वनस्पति तेल में सरसों तेल का मिश्रण नहीं किया जा सकेगा. यानी अब सरसों तेल को बिना किसी मिक्सिंग के बेचना होगा. एफएसएसआई ने इसके साथ ही अलग-अलग मिश्रण वाले खाद्य वनस्पति तेलों (सरसों तेल शामिल नहीं) की खुली बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया है. इस प्रकार के खाने वाले तेलों की बिक्री 15 किलो तक के सील बंद पैक में ही की जा सकेगी.
रिफाइंड तेलों में मिक्सिंग पर रोक
बाजार सूत्रों की मानें तो सरकार ने सरसों तेल (mustard oil) के मिश्रण को रोककर सराहनीय काम किया है. इससे शुद्ध सरसों तेल की मांग बढ़ेगी और देश में तिलहन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. उनका कहना है कि पुराने नियमों की आड़ में अब तक आम जनता को मिश्रित सरसों तेल ही उपलब्ध होता रहा है. कई खाद्य तेलों में तो केवल 20 प्रतिशत ही सरसों तेल होता था जबकि 80 प्रतिशत दूसरे तेलों का मिश्रण होता था. चावल की भूसी के तेल का इसमें सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया जाता रहा है.
खुदरा में 200 तक पहुंचा भाव
बाजार जानकारों का कहना है कि सरसों तेल मिल डिलवरी भाव इन दिनों 14,400 रुपये क्विंटल (144 रुपये किलो यानी 1,000 ग्राम) के भाव पड़ता है. एक लीटर (910 ग्राम) थैली का भाव पांच प्रतिशत जीएसटी के साथ 137- 138 रुपये लीटर बैठता है. पैकिंग, मार्जिन और अन्य खर्चे आदि मिलाकर खुदरा बाजार में सरसों, सोया रिफाइंड (refined oil price) का भाव 150 रुपये लीटर से अधिक नहीं होना चाहिए. जबकि इनके भाव कुछ रिपोर्टों में 170- 180 रुपये लीटर तक बोले जा रहे हैं. कहीं-कहीं 200 रुपये तक सरसों तेल का भाव पहुंच गए हैं.


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