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सरसों का तेल मिल रहा महंगा, बाकी Cooking oil हुए सस्‍ते, जाने

Bhumika Sahu
9 Oct 2021 4:37 AM GMT
सरसों का तेल मिल रहा महंगा, बाकी Cooking oil हुए सस्‍ते, जाने
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सरकार ने उसके कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों (Refined Cooking Oil) पर आयात शुल्क कम करने के फैसले से वैश्विक बाजारों में खाद्यतेल कीमतों में आये उछाल के बावजूद घरेलू बाजार में सरसों तेल को छोड़कर खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में गिरावट आई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार ने उसके कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों (Refined Cooking Oil) पर आयात शुल्क कम करने के फैसले से वैश्विक बाजारों में खाद्यतेल कीमतों में आये उछाल के बावजूद घरेलू बाजार में सरसों तेल को छोड़कर खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में गिरावट आई है। एक सरकारी बयान के अनुसार, आयात शुल्क में कमी के बाद खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 1.95 प्रतिशत से 7.17 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। आयातित खाद्य तेलों पर शुल्क में कमी (11 सितंबर से प्रभावी) के बाद घरेलू खुदरा कीमतों में 0.22 प्रतिशत से 1.83 प्रतिशत के दायरे में कमी आई हैं।

वैश्विक कीमतों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, दरों पर शुद्ध प्रभाव 10 सितंबर से 3.26 प्रतिशत से 8.58 प्रतिशत के दायरे में है। बयान में कहा गया है, ''शुल्क में कमी के संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक नीतिगत हस्तक्षेप आम उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।'' हालांकि, इसमें कहा गया है कि ''सरसों का तेल विशुद्ध रूप से घरेलू तेल है और सरकार के अन्य उपायों के साथ इसकी कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है।''
कीमतों पर लगाम लगाने और घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए केंद्र ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम किया है। इसने जमाखोरी के खिलाफ भी कदम उठाए हैं और थोक विक्रेताओं, मिल मालिकों और रिफाइनरों को अपने स्टॉक का विवरण एक वेब पोर्टल पर उपलब्ध कराने को कहा है।
यहां तक कि खुदरा विक्रेताओं को भी ब्रांडेड खाद्य तेलों की दरों को प्रमुखता से प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है ताकि उपभोक्ता पसंदीदा खाद्यतेल का चुनाव कर सकें। पिछले महीने, सरकार ने पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क घटा दी थी। कच्चे पाम तेल पर मूल आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर इस कर को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
अन्य खाद्य सामग्रियों के बारे में, सरकार ने कहा कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में वृद्धि के बावजूद बाजार में चावल और गेहूं की कीमतों में कमी आई है। पिछले कुछ महीनों में चना, अरहर, उड़द और मूंग की खुदरा कीमतों में भी गिरावट आई है। पिछले एक साल में आलू की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतों में 44.77 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि प्याज और टमाटर की कीमतों में क्रमश: 17.09 प्रतिशत और 22.83 प्रतिशत की गिरावट आई है।


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